India News(इंडिया न्यूज़)BHARAT vs INDIA: क्या हमारे देश का नाम सिर्फ़ भारत रहेगा…? क्या देश के नाम से इंडिया शब्द को हटाया जा सकता है…? संसद के विशेष अधिवेशन से ठीक पहले ये चर्चा तेज़ हो गई है। सवाल उठ रहा है कि क्या 18 से 22 सितंबर को होने वाले संसद के विशेष अधिवेशन में देश के नाम से INDIA हटाने को लेकर सरकार कोई विधेयक ला सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को जकार्ता में 10 देशों के प्रभावशाली समूह ‘आसियान’ के नेताओं के साथ शिखर वार्ता करेंगे, इस दौरे के लिए आधिकारिक नोट में पीएम मोदी को प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ भारत लिखा गया है।
आप नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह और आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मोदी सरकार संविधान से इंडिया शब्द को हटाना चाहती है। इसकी शुरुआत आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने की। इंडिया शब्द को हटाकर अब सिर्फ भारत शब्द का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने हमेशा नफरत फैलाने का काम किया है, लेकिन बाबा साहेब ने वंचित समाज से उठकर देश का संविधान लिखा। इस बात की कुंठा आरएसएस और भाजपा के मन में है।
राष्ट्रपति के निमंत्रण पर पक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने आ गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके लिखा, ‘गर्व है कि हमारी सभ्यता साहस के साथ अमृत काल की तरफ़ बढ़ती जा रही है’ उधर विपक्ष ने इस पहल की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया से डर कर सरकार नाम बदल सकती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “इंडिया गठबंधन के नाम के चलते देश का नाम बदलकर भारत रख रहे हैं। अगर इंडिया गठबंधन ने अपना नाम भारत रख लिया, तो क्या देश का नाम बीजेपी कर देंगे।
वैसे भारत के नाम का ज़िक्र संविधान के अनुच्छेद-1 में किया गया है, जिसमें अंग्रेज़ी में लिखा गया है। ‘India , that is Bharat , shall be an union of states’, जबकि हिंदी में लिखा है- “भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।” ऐसे में अगर देश के नाम से India शब्द हटाना है, तो मोदी सरकार को संविधान के अनुच्छेद-1 समेत कुछ अन्य अनुच्छेदों में बदलाव करना होगा।
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