आज समाज नेटवर्क।
नई दिल्ली। BJP and AAP responsible for Jahangir Puri Riots दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जहांगीर पुरी में दंगो के बाद शांति, सद्भाव, भाईचारा और सौहार्द बहाल करने, न्यायपूर्ण निष्पक्ष जांच और नफरत की राजनीति को हराने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में जंतर मंतर पर धरना देगी।
जहांगीरपुरी में हिंसा के लिए लोकतंत्र में नही कोई जगह
अनिल भारद्वाज ने कहा कि हनुमान जयंती पर जहांगीर पुरी में हुई हिंसा के लिए लोकतंत्र में कोई जगह नही है। दंगे में असमाजिक तत्वों की पहचान करके राजनीतिक प्रभाव को नजरअंदाज करके निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। जहांगीर पुरी दंगों के बाद भाजपा और आम आदमी पार्टी आरोप-प्रत्यारोप में एक दूसरे के सामने खड़ी है। निगमां के एकीकरण हो जाने के बाद भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता चिट्ठी लिखने पर बिना जांच बुलडोजर चलवाकर भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है।
कोर्ट द्वारा स्टे देने के बावजूद जारी रही तोड़फोड़
भारद्वाज ने कहा कि जहांगीर पुरी में बुलडोजर चलाने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे देने के बावजूद भाजपा के इशारे पर एक घंटे तक तोड़फोड़ जारी रही। जब यह अतिक्रमण 15 वर्षों का है तो बुलडोजर की कार्यवाही निगम विलय के तुरंत बाद किन अधिकारों के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यवाही पर राजनीतिक दल कैसे निर्णय ले सकते है जबकि अनाधिकृत अतिक्रमण पर कानून के अनुसार कोई भी कार्यवाही बिना राज्यपाल की मंजूरी अथवा कोर्ट के आदेश के नही की जा सकती। भाजपा अध्यक्ष के अध्यक्ष के आदेश पर बुलडोजर की कार्यवाही गैर कानूनी व असंवैधानिक है, जिस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पूरी तरह मौन है, जबकि क्षेत्र की जनता में खौफ बराबर बना हुआ है।
वातावरण अच्छा बनाने की जरुरत BJP and AAP responsible for Jahangir Puri Riots
शहर के वातावरण अच्छा बनाने की जरुरत है और अगर सुधार के लिए बुलडोजर चलाना है तो महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, प्रदूषण को खत्म करने के लिए बुलडोजर चलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की दोनो सरकारें जहांगीर पुरी दंगों के लिए जिम्मेदार हैं, जो धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दे रहे है। दंगों से किसकी पूर्ति होती है यह दिल्ली की जनता जान चुकी है। उन्होंने कहा कि जहांगीर पुरी दंगों पर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल मौन है, जबकि मुख्यमंत्री होने के नाते अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उन्हें सड़कों उतर कर शांति मार्च निकाल कर लोगों को शांति बहाल करने के लिए समझाना चाहिए था, परंतु एक बार फिर अरविन्द केजरीवाल विफल मुख्यमंत्री साबित हुए हैं।