India News (इंडिया न्यूज़): दिल्ली में स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच टकराव शुरू हो गया है। दरअसल पूरा मामला दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म के लिए दिए जाने वाले फंड को लेकर है। बता दें, आम आदमी पार्टी के पार्षद और नेता मुकेश गोयल ने दावा किया है कि एमसीडी स्कूलों के छात्रों की यूनिफॉर्म के पैसों में ‘आप’ की निगम सरकार ने कोई कटौती नहीं की है। वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम द्वारा छात्रों को वितरित यूनिफॉर्म भत्ते को भाजपा शासनकाल में दिये जाने वाले 1100 रूपए से घटाकर 600 रूपए कर दिया गया है।
इस संदर्भ में दिल्ली भाजपा की महामंत्री और पार्षद कमलजीत सहरावत, मीडिया प्रमुख एवं प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर एवं दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने एक संयुक्त पत्रकार वार्ता कर दिल्ली नगर निगम द्वारा विशेष स्कूल हेल्थ सर्विस विभाग बंद कर उसको नगर निगम के सामन्य हेल्थ सेवाओं के साथ समन्वित करने की निंदा की है। शिक्षा क्रांति का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी जब से दिल्ली नगर निगम सत्ता में आई है लगातार छात्र विरोधी निर्णय ले रही है।
भाजपा नेताओं ने य़ह भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार एवं महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय लगातार शिक्षा एवं छात्र सुविधाएं बढ़ाने की बड़ी-बड़ी घोषणायें करते हैं और विशेष स्कूल हेल्थ सर्विस बंद करने का गरीब छात्रों की उपेक्षा करता यह निर्णय केजरीवाल सरकार एवं दिल्ली नगर निगम की पोल खोल रहा है।
दिल्ली भाजपा महामंत्री कमलजीत सहरावत ने कहा है कि गत 30 जून, 2023 को बिना किसी घोषणा के दिल्ली नगर निगम ने स्कूल हेल्थ सर्विस विभाग को सामान्य हेल्थ सेवाओं के साथ जोड़ कर गरीब छात्रों पर कुठाराघात किया है। 4 अगस्त को एक ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दिल्ली नगर निगम ने सभी स्कूल हेल्थ सर्विस कर्मियों को सामान्य हेल्थ सेवाओं में समाहित कर दिया है। स्कूल वर्दी भत्ता घटाने और जातियता के आधार पर सामान्य वर्ग के छात्रों को वंचित करने के बाद दिल्ली नगर निगम का स्कूल हेल्थ सर्विस बंद करने का यह कुनिर्णय गरीब छात्रों के हितों पर कुठाराघात है।
इस मामले में भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने यह भी कहा है कि इसी के साथ ही महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय एवं आम आदमी पार्टी की गरीब छात्र विरोधी शासन के चलते दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पोक्सो एक्ट के अंतर्गत आवश्यक काउंसिलिंग भी गत 6 माह से बंद है। यह आश्चर्य का विषय है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक के हर विषय पर बोलने वाली दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री स्वाति मालीवाल और दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग दोनों इस पर चुप हैं।