India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Bournvita: मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने एक सलाहनामा जारी किया है जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया गया हैं। इस निर्देश के मुताबिक उन्हें अपने पोर्टल और प्लेटफ़ॉर्मों पर सभी हेल्थ ड्रिंक्स को हटा देने का सन्देश दिया हैं। इसमें बौर्नविटा जैसे सभी पेयों को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से हटाने के निर्देश भी हैं। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने अपनी जांच के बाद निर्धारित किया कि FSS एक्ट 2006 में कोई हेल्थ ड्रिंक का स्पष्ट रूप से वर्णन नहीं हैं। इसमें FSSAI और मोंडेलेज इंडिया फ़ूड परिवटे लिमिटेड के निर्देशकों को भी देखा गया हैं। ये सब कुछ 10 अप्रैल को सामने आया हैं।
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यह सलाह उस जांच के आधार पर दी गई है जो NCPCR ने की थी, जिसमें पाया गया कि बोर्नविटा में शुगर की मात्रा उपयुक्त सीमा से बहुत अधिक है। पहले ही, NCPCR ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को कहा था कि उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करें जो सुरक्षा मानकों और निर्देशिकाओं को पूरा नहीं करतीं हैं। साथ ही साथ जो ‘स्वास्थ्य पेय’ के रूप में पावर सप्लीमेंट्स को प्रकाशित कर रहीं हैं। नियामक निकाय के अनुसार, ‘स्वास्थ्य पेय’ को देश के फ़ूड नियमों में परिभाषित नहीं किया गया है और इसके तहत कुछ को प्रकाशित करना नियमों का उल्लंघन करता है। FSSAI ने इस माह की शुरुआत में ही ई-कॉमर्स पोर्टलों को भी सूचित किया था कि वे डायरी या माल्ट पर आधारित पेय को ‘स्वास्थ्य पेय’ के रूप में लेबल करने से बचें।
हम आपको बता दें कि बोर्नविटा की असामान्य प्रकृति के बारे में विवाद पहली बार उस वक्त उठा जब एक यूट्यूबर ने अपने वीडियो में इस पाउडर सप्लीमेंट की आलोचना की और बताया कि इसमें अत्यधिक चीनी, कोको के सॉलिड्स और हानिकारक रंगीन पदार्थ हैं जो बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य संबंधी खतरे जैसे कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
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