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मलेरिया की रोकथाम व एनीमिया मुक्त बनाने को टास्क फोर्स की बैठक में मंथन

• LAST UPDATED : April 27, 2022

गुरुग्राम। Brainstorming in the Task force meeting on Prevention of Malaria जिला में मलेरिया व डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों की प्रभावी ढंग से रोकथाम व एनीमिया से मुक्ति के लिए बुधवार को उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक में मंथन किया गया। उपायुक्त ने मलेरिया व डेंगू रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं तथा कार्यों की समीक्षा की।

मलेरिया की रोकथाम साथ उपायों के प्रति जागरूकता लाएं

मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर उन क्षेत्रों में मलेरिया की रोकथाम के उपायों के साथ-साथ लोगों को भी रोकथाम उपायों के प्रति जागरूकता लाएं, ताकि गुरुग्राम जिला में मलेरिया व डेंगू के प्रसार से पूर्व ही इसकी रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबंध किए जा सकें। उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आप सभी अपने अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाले सभी स्थानों की सफाई करवाना सुनिश्चित करें।

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टायरों में पानी जमा न होने दें

सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में मलेरिया रोकथाम गतिविधियों में सहभागिता करने के साथ-साथ आवश्यक सहयोग जैसे गड्ढे भरना, नालियों की सफाई, पेय जल स्त्रोतों के आस-पास जमे हुए पानी की निकासी, खराब पड़े टायरों में पानी जमा न होने दें, डेजर्ट कूलर आदि का पानी बदलते रहे। डीसी श्री यादव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे जिला के सभी स्कूलों में वाटर टैंक की चैकिंग करने के साथ ही स्कूल परिसर में स्वच्छता का स्तर भी चेक करें। स्कूली बच्चों के बीच मच्छर जनित बीमारियों के लक्षण व उनसे बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों की जानकारी प्रदान करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित करवायें।

मलेरिया की रोकथाम को आरडब्ल्यूए का लेंगे सहयोग Brainstorming in the Task force meeting on Prevention of Malaria

बैठक में सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव ने कहा कि मलेरिया की रोकथाम के लिए सभी आरडब्ल्यूए का सहयोग भी लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी आरडब्ल्यूए की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे अपने अपने क्षेत्र में इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। जिला में एनीमिया मुक्त अभियान के तहत उठाए गए प्रभावी कदमों से अवगत करवाते हुए कहा कि सरकार से प्राप्त निदेर्शों के तहत जिला में प्रत्येक तिमाही के पहले सप्ताह में एनीमिया मुक्त सप्ताह का आयोजन किया जाएगा जिसमें छह माह से पांच साल के बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।

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