India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Assembly Budget: दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 15 फरवरी से चल रहा है। विधानसभा में दिल्ली का बजट पेश करने से पहले दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में दिल्ली की आर्थिक स्थिति का जिक्र किया गया है। आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में यह दूसरा साल होगा जब मनीष सिसोदिया की जगह वित्त मंत्री आतिशी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और फिर नए वित्त वर्ष का बजट पेश करेंगी। दिल्ली का बजट सोमवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
दरअसल, वित्त मंत्रालय संभालने के बाद दिल्ली सरकार की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और बजट और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पर चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि आगामी बजट दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगा। यह भी कहा कि पिछले 9 वर्षों में दिल्ली सरकार द्वारा अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाने का काम इस बार भी दिल्ली सरकार के बजट में जारी रहेगा। पिछले साल आतिशी ने तिहाड़ जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जगह वित्त विभाग, योजना, लोक निर्माण विभाग, बिजली, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, सूचना विभाग, सतर्कता और अन्य सभी विभागों का कार्यभार संभाला था। शराब घोटाले में। जो विशेष रूप से किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए जाते हैं।
दिल्ली का बजट सोमवार को दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री आतिशी ने विधानसभा में बयान दिया। 4 तारीख सोमवार को मैं सदन में बजट पेश करेंगी। वर्ष 2023-24 में दिल्ली की GSDP 11,07,746 करोड़ रुपये अनुमानित है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में GSDP में 9.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिल्ली की GSDP 10,14,000 करोड़ रुपये थी। कोरोना काल के बाद वित्त वर्ष 2021-22 में दिल्ली की GSDP में 8.76 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और 2022 -23 में 7।85 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिल्ली की आबादी देश की आबादी का महज 1.5 फीसदी है, लेकिन देश की जीडीपी में इसका योगदान 4 फीसदी है। वित्त वर्ष 2021-22 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3.70 लाख रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 4.61 लाख रुपये हो गया है। पिछले दो वर्षों में प्रति व्यक्ति आय 22 प्रतिशत बढ़ी है।
यह साल हमारे लिए ऐसा रहा कि उपराज्यपाल और अधिकारियों ने केजरीवाल सरकार के काम को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोहल्ला क्लिनिक का पैसा रोक दिया गया, फरिश्ते योजना रोक दी गयी, विधानसभा स्तर तक के रिसर्च फेलो को हटा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ठीक आठ दिन बाद केंद्र ने अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार की शक्तियां छीन लीं। अधिकारियों पर दबाव बनाकर काम रुकवा दिया गया। लेकिन आर्थिक सर्वे डेटा है, इसे उपराज्यपाल नहीं रोक सकते। आज 2024-24 का आर्थिक सर्वे बता रहा है कि दिल्ली के लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है, बजट फायदे में है। आज मैं इस सर्वे के साथ अपनी बात रख रहा हूं ताकि केंद्र और एलजी को पता चले कि केजरीवाल रुकने वाले नहीं हैं।