इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
सिविल लाइंस इलाके में बिल्डर की हत्या के बाद लूटपाट किए जाने के मामले में दूसरे दिन भी पुलिस के हाथ कोई खास सुबूत नहीं लगे हैं। फिलहाल पुलिस अंधेरे में हाथ पैर मार रही है। दूसरी तरफ मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से पुलिस पर हत्याकांड का जल्द पदार्फाश किए जाने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है।
यही वजह है पुलिस ने स्पेशल सेल के साथ ही क्राइम ब्रांच व अन्य यूनिटों के तेज-तर्रार अफसरों की टीमों को मामले की जांच में लगाया है। एक दर्जन से अधिक टीमों ने जांच के दौरान घटनास्थल व आसपास के क्षेत्र के 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगालकर करीब 300 सीसीटवी फुटेज जुटाए हैं। इनके आधार पर पुलिस जल्द ही बदमाशों की पहचान कर घटना का पदार्फाश किए जाने का दावा कर रही है।
रविवार की सुबह बिल्डर राम किशोर अग्रवाल की उनके घर के अंदर घुसकर हत्या कर करोड़ों रुपये की नकदी लूट ली गई थी। वह सिविल लाइंस इलाके में राम किशोर मार्ग स्थित कोठी नंबर-एक में रहते थे। उनके परिवार में बेटा विशाल अग्रवाल, बेटी, बहू और एक पोती है। ये सभी लोग कोठी की पहली मंजिल पर रहते हैं, जबकि किशोर ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे।
इनके अलावा कोठी में दो गार्ड और घरेलू सहायक भी रहते हैं। सोमवार को जांच अधिकारियों के अलावा पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी राम किशोर के घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों से घटना को लेकर विस्तार से जांच पड़ताल की।
इस बीच गार्ड व घरेलू सहायकों से भी पुलिस ने लगातार दूसरे दिन गहन पूछताछ की है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अभी तक पुलिस को इस मामले में कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली है, जिसके आधार पर हत्यारोपितों की पहचान की जा सके।
लूट की रकम भी बनी पहली हत्याकांड को अंजाम देने के बाद बदमाश कितने रुपये लूट कर ले गए हैं। ये मामला भी पुलिस के लिए एक पहेली बन गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बदमाश करोड़ों रुपये लूट कर ले गए हैं। जांच में पुलिस को इस बात की जानकारी जरूर मिली है कि तीन दिन पहले ही बिल्डर के पास 60 लाख रुपये आए थे, लेकिन बिल्डर के कमरे में रखे लकड़ी के बाक्स में कुल कितनी नकदी थी, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है।
पुलिस ये भी पता लगा रही है कि तीन दिन पहले ये 60 लाख रुपये राम किशोर के पास कहां से आए थे। वजीराबाद में दिखे हैं आखिरी बार बदमाश पुलिस ने जो सीसीटीवी फुटेज जुटाए हैं, उनमें बदमाश साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। लेकिन, पुलिस इनकी पहचान अभी तक पहचान नहीं कर पाई है।
हालांकि, पुलिस को फुटेज में आखिरी बार बदमाश वजीराबाद के एक कैमरे में कैद हुए हैं। इस रूट की 50 से अधिक फुटेज पुलिस ने जुटाई हैं, लेकिन इसके बाद की किसी फुटेज में बदमाश दिखाई नहीं दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, शुरूआती जांच में पता चला है कि बदमाश शनिवार की रात 10 बजे के करीब राम किशोर अग्रवाल की कोठी के पास अपनी बाइक खड़ी कर गए थे। ताकि, तड़के वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हुआ जा सके।
योजना के तहत चुना रविवार का दिन पुलिस सूत्रों का दावा है कि बदमाशों ने जानबूझकर वारदात के लिए रविवार का दिन चुना है। बदमाशों को इस बात की जानकारी थी कि शनिवार को अमूमन राम किशोर अग्रवाल पार्टी करते हैं और रविवार को अवकाश के दिन सुबह देर से उठते हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि राम किशोर के किसी करीबी ने बदमाशों को कोठी और राम किशोर अग्रवाल के बारे में सटीक जानकारी दी है।
राम किशोर अग्रवाल के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों ने पुलिस अधिकारी को बताया है कि अग्रवाल के शरीर पर घाव के जो निशान मिले हैं, उससे यह पता चला है कि बदमाश नौसिखिये थे। उन्होंने गले पर चाकू से हमला तो किया लेकिन वह त्वचा को ही हल्का काट सके। इसके बाद उन्होंने पेट पर तेजी से वार किए, यही वजह है कि बाकी तीन जगहों पर भी मिले घाव गहरे हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुबह लगभग पांच बजे के आसपास राम किशोर अग्रवाल ने अपने घर (चार दीवारी के अंदर लान के बाद) के दरवाजे को अंदर से खोला था, क्योंकि सुबह के समय कुक अजय घर में काम करने के लिए चाय आदि बनाने के लिए किचन में आता है। लेकिन, इसके कुछ देर बाद दोनों लुटेरे घर के अंदर दाखिल हुए और सीधे राम किशोर अग्रवाल के कमरे में घुस गए। इसके बाद उन्हें दबोचकर वारदात को अंजाम दिया।
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