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Cancer: AIIMS के डॅाक्टरों का कारनामा! मिल गया आंखों के कैंसर का इलाज

• LAST UPDATED : March 20, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Cancer: आजकल तो जैसे कैंसर की बीमारी आम सी हो गई है। कैंसर कई टाइप के होते हैं, एक है मेलेनोमा कैंसर जो आंखों के कैंसर में आम है। डॉक्टरों की टीम अब इन बीमारियों से निजात पाने के उपाय ढूंढने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। ऐसी ही एक खबर दिल्ली के एम्स अस्पताल से मिली है। जहां एक अध्ययन में पाया गया कि गामा नाइफ सर्जरी की मदद से अब आंखों के कैंसर से पीड़ित मरीजों की आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है।

आंख का कैंसर क्या है?

आंखों के कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें प्रमुख है मेलेनोमा कैंसर। यह कैंसर आंखों में पाई जाने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करता है। आईबाल में पाए जाने वाले कैंसर को इंट्राओकुलर कैंसर कहा जाता है। इसके कई लक्षण होते हैं, जिनमें से शुरुआती लक्षण हैं- धुंधला दिखना, एक आंख से देखने में असमर्थता, आंखों में दर्द, बेचैनी महसूस होना आदि।

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क्या है डॉक्टरों का दावा दावा

विशेषज्ञों के मुताबिक कोरॉइडल मेलानोमा आंखों में होने वाला नमक का कैंसर है। जिसकी शिकायत अधिकतर वयस्कों में देखी जाती है। लेकिन कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें 40 साल के मरीज भी देखे गए हैं। आपको बता दें कि आंखों के कैंसर का इलाज अब गामा नाइफ के जरिए आसानी से किया जा सकता है। यह एक विशेष रेडियोथेरेपी है, जिसमें सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। दावा किया जा रहा है कि गामा नाइफ के जरिए यह इलाज देश में सिर्फ एम्स में ही किया जाएगा। इस इलाज की फीस 75 हजार रुपये बताई जा रही है। इस शुल्क के बाद पूरे जीवन भर का फॉलोअप निःशुल्क होगा। इतना ही नहीं यहां आयुष्मान भारत और बीपीएल मरीजों को मुफ्त इलाज मिल रहा है।

गामा नाइफ क्या है?

गामा नाइफ एक मशीन है, जो एमआरआई मशीन की तरह ही होती है। इस मशीन की मदद से अब आंखों में बिना चीरा लगाए सिर्फ एक टांका लगाकर आंखों के कैंसर का इलाज किया जा सकेगा। कई बार आंखों के कैंसर के इलाज के दौरान मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है, लेकिन अब इस थेरेपी के जरिए आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है, वो भी बिना किसी सर्जरी के। यह तकनीक मरीज की आंखों से 200 किरणों से ट्यूमर का पता लगाती है और उसे खत्म कर देती है। इस तकनीक से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। आपको बता दें कि इस थेरेपी में सिर्फ आधे घंटे में इलाज पूरा हो जाता है।

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