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Cancer: तेजी से बढ़ रहा है सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा, ऐसे चलेगा पता!

• LAST UPDATED : March 20, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Cancer: पूरी दुनिया की तरह भारत में भी सिर और गर्दन के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह भारतीय समाज का सबसे वंचित वर्ग है यानी जिनके पास ज्यादा सुख-सुविधाएं नहीं हैं। वे ही हैं जिन्हें यह कैंसर सबसे ज्यादा हो रहा है। खासकर उन कामगारों और मजदूरों के बीच जो तंबाकू का अधिक सेवन करते हैं, यह समस्या काफी गंभीर रूप में बढ़ती जा रही है।

30% हैं सिर और गर्दन के कैंसर के मामले

भारत में सभी कैंसरों में से 30% सिर और गर्दन का कैंसर है। आने वाले समय में अनुमान है कि वर्ष 2040 तक इसमें 50% की वृद्धि होगी। आरजीसीआईआरसी के अध्यक्ष श्री राकेश चोपड़ा ने कहा कि चूंकि 60% मजदूर किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इसलिए समाज में सबसे ज्यादा खतरा इसी वर्ग पर है. इस वजह से बचाव के उपाय बेहद जरूरी हैं. और बीमारी का जल्द पता लगाना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर शुरुआती चरण में पता चल जाए तो 80% कैंसर के मामलों को ठीक किया जा सकता है।

AI बीमारियों का तुरंत पता लगाएगा

आरजीसीआईआरसी के सीईओ डी.एस. नेगी ने एआई के जबरदस्त प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एआई एल्गोरिदम कैंसर के पैटर्न को बहुत जल्दी पहचान लेता है, जिससे बीमारी का पता लगाने की सटीकता बढ़ जाती है और समय भी कम हो जाता है। इससे बीमारी का जल्द पता लगाने और मरीज के ठीक होने की संभावना में काफी प्रगति देखी जा रही है।

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रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा

कैंसर के इलाज की दिशा में तकनीकी प्रगति पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर से 250 संकाय और 1000 प्रतिनिधियों ने आरजीकॉन-2024 में भाग लिया। आरजीसीआईआरसी में ऑन्कोलॉजी सेवाओं के चिकित्सा निदेशक और जेनिटो यूरो के प्रमुख डॉ. सुधीर कुमार रावल ने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में सम्मेलन की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में, आरजीसीआईआरसी अनुसंधान पर बहुत जोर देता है। वहीं, आरजीकॉन कैंसर उपचार के क्षेत्र में उभर रहे नए रुझानों को पहचानने और अपनाने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है।

तम्बाकू और धूम्रपान असली खलनायक हैं

आरजीसीआईआरसी में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. एके दीवान ने सिर और गर्दन के कैंसर को एशिया के लिए एक समस्या बताते हुए कहा कि यह गरीबों की बीमारी है, जिसका मुख्य कारण धुआं रहित तंबाकू का सेवन और धूम्रपान है। भारत में हर साल कैंसर के लगभग 15 लाख नए मामले सामने आते हैं। वर्ष 2022 में आरजीसीआईआरसी में लगभग 3000 मामले सामने आए, जो सभी कैंसर मामलों का 19% था। लेकिन, इनमें से 30% से भी कम रोगियों की सर्जरी हुई क्योंकि हमारा ध्यान बहु-विषयक उपचार पर है।

आरजीसीआईआरसी क्या है?

वर्ष 1996 में स्थापित राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र कैंसर के इलाज के लिए एशिया के अग्रणी केंद्रों में गिना जाता है। जहां प्रसिद्ध सुपर विशेषज्ञों की देखरेख में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके विशेष उपचार किया जाता है।

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