India News(इंडिया न्यूज़), CAQM: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के प्रयास में, दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में अंतरराज्यीय बसों के संचालन के संबंध में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करने की तैयारी की है। सीएक्यूएम के निर्देश के मुताबिक, 1 नवंबर से दूसरे राज्यों से दिल्ली-एनसीआर के शहरों में चलने वाली केवल वही बसें दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश कर सकेंगी जो इलेक्ट्रिक या सीएनजी हैं या बीएस-6 श्रेणी के डीजल इंजन हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने गुरुवार को एक सर्कुलर भी जारी किया है।
राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव की ओर से जारी इस सर्कुलर के मुताबिक, 1 नवंबर से हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसी भी शहर या कस्बे से चलने वाली कोई भी रोडवेज बस तभी दिल्ली में प्रवेश कर सकेगी जब वह इलेक्ट्रिक, सीएनजी या चलेगी। यह प्रतिबंध राज्य रोडवेज बसों के साथ-साथ सभी निजी बस ऑपरेटरों और राज्य पीएसयू बसों पर भी लागू होगा। परिवहन विभाग ने अपने सर्कुलर में साफ कहा है कि सीएक्यूएम के इन निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। इसमें कोई भी बदलाव नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि 1 नवंबर से परिवहन विभाग की टीमें दिल्ली की उन सभी सीमाओं पर जांच करेंगी, जहां से अंतरराज्यीय बसें दिल्ली में आती-जाती हैं। केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस-6 डीजल इंजन वाली बसों को ही सीमा से शहर में प्रवेश की अनुमति होगी। इसके अलावा बस अड्डों और उन स्थानों पर भी चेकिंग की जाएगी जहां से निजी बस ऑपरेटर बसें संचालित करते हैं। इस दौरान अगर कोई बस नियमों का उल्लंघन करती हुई पाई गई तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से हर दिन हजारों लोग अंतरराज्यीय और निजी बसों से दिल्ली-एनसीआर के शहरों में आते-जाते हैं। एक नवंबर से प्रतिबंधित बसों का परिचालन नहीं होने से बस यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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