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Diarrhoea Disease: सावधान! दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे डायरिया के केस, क्या आपका पानी भी है दूषित?

• LAST UPDATED : April 30, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Diarrhoea Disease: गर्मी में तापमान के साथ-साथ फीवर और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी संबंधी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। इन दिनों, लोग बाहर ज्यादा पानी पी रहे हैं, लेकिन उन्हें दूषित पानी का सेवन करने से बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। फीवर के साथ उल्टी और दस्त के मामले बढ़ गए हैं। राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में वायरल फीवर के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन डायरिया के मामले बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह हर साल की गर्मी में आम बात है और लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से दूषित पानी से बचने और स्वच्छ पानी का सेवन करने की सलाह दी है।

Diarrhoea Disease: दिल्ली में बढ़ रहे है डायरिया के केसेस

दिल्ली में डायरिया के मामलों में वृद्धि हो रही है। मैक्स हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर, रोमेल टिक्कू, ने बताया कि सर्दी और खांसी के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन डायरिया के मामले बढ़ गए हैं। इसकी मुख्य वजह है बाहर का दूषित पानी और खाना। लोग बाहर के पानी का सेवन कर रहे हैं, जो कंटामिनेटेड होता है, और इससे बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है, जिससे वे बीमार हो रहे हैं। एलएनजेपी के डायरेक्टर, डॉक्टर सुरेश कुमार, ने बताया कि कोविड का केवल एक मामला है, और वह पूरी तरह से नियंत्रित है, लेकिन ओपीडी में डायरिया, उल्टी, और दस्त के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

कई लोग हो रहे है परेशान

इन दिनों, गैस्ट्रो से संबंधित मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। डॉक्टर अनिल बंसल के अनुसार, उनके क्लीनिक में यह संख्या हर दूसरे या तीसरे मरीज में देखी जा रही है। इन मरीजों को फीवर, लूज मोशन और उल्टी जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसमें खराब खाना और पानी का भी बड़ा हाथ है। वहीं, डॉक्टर अक्षय बुद्धराजा ने बताया कि सांस संबंधी मरीजों की संख्या कम है। उनके हॉस्पिटल में अधिकांश मरीज पोलन एलर्जी के मामले से आ रहे हैं। इस मौसम में यह समस्याएँ हर साल दिखाई देती हैं, लेकिन कोविड के मामले इस बार कम हैं।

Diarrhoea Disease: गंदे पानी से बचें

गंगाराम अस्पताल के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर अनिल अरोड़ा ने बताया कि बढ़ते तापमान के कारण लोगों को जल की अधिक आवश्यकता हो गई है। इस समय, लोग घर से बाहर निकलते हैं और प्यास लगती है, तो रास्ते में बिक रहे पानी या फिर फ्री में बांटे जा रहे पानी को पीने का सहारा लेते हैं। ऐसे पानी की गुणवत्ता को लेकर पूरी तरह से आश्वासन नहीं होता, और इसकी कंटामिनेशन की संभावना बढ़ जाती है। वर्तमान में, शादी और अन्य आयोजन हो रहे हैं, जहां भोजन और पानी दोनों ही सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए, गैस्ट्रो के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है।

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