India News(इंडिया न्यूज़) Chandrayaan-3: भारत चांद की सतह पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश बनने के और करीब पहुंच गया है। चंद्रमा की सतह से चंद्रयान-3 की दूरी अब महज 150 किलोमीटर है। भारत के तीसरे चंद्रमा अभियान चंद्रयान-3 ने बुधवार को अंतिम बार अपनी कक्षा में बदलाव किया। आज प्रोपल्शन माड्यूल व लैंडर माड्यूल को अलग करने की तैयारी होगी। 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की तैयारी है। अगर सब कुछ योजना के तहत होता है तो भारत बड़ा इतिहास रच सकता है।
5 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की पहली ऑर्बिट में पहुंचा था. इसी दिन चंद्रयान ने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं। उसके बाद अब तक इसकी चार बार ऑर्बिट बदल 164 x 18074 KM का था। 6 अगस्त 2023 को ऑर्बिट घटाकर 170 x 4313 km किया गया। यानी चंद्रयान-3 को चंद्रमा की दूसरी कक्षा में डाला गया था।
इसरो ने बताया कि इसके साथ ही चांद की कक्षा में होने वाली सारी प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं। अब अपना यान महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुका है। अब प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल दोनों अलग होंगे।इसरो चीफ का कहना है कि भले ही सभी सेंसर और दो इंजन काम करने में विफल हो जाएं, फिर भी सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित की जाएगी। इसरो टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती विक्रम को चंद्रमा की सतह पर उतारना है. मिशन चंद्रयान-3 14 जुलाई को शुरू हुआ। 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में एंट्री की. इसके बाद 9 अगस्त, 14 अगस्त और 16 अगस्त को ऑर्बिट चेंज किया। ऐसा इसे चंद्रमा के करीब लाने के लिए किया जाएगा, ताकि यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सके।
Chandrayaan-3 Mission:
The orbit-raising maneuver (Earth-bound perigee firing) is performed successfully from ISTRAC/ISRO, Bengaluru.
The spacecraft is expected to attain an orbit of 127609 km x 236 km. The achieved orbit will be confirmed after the observations.
The next… pic.twitter.com/LYb4XBMaU3
— ISRO (@isro) July 25, 2023