India News(इंडिया न्यूज़) Chandrayaan ISRO: भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलता के साथ उतर गया है. सफल चंद्रमा मिशन ने भारत को अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना दिया है। जबकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास यान उतारने वाला पहला देश बना दिया है।
ISRO ने चंद्रयान की लैंडिंग से ठीक पहले का वीडियो गुरुवार शाम जारी किया। यह वीडियो चंद्रयान-3 ने भेजा है। इसमें चांद का खूबसूरत नजारा दिख रहा है। 2 मिनट 17 सेकेंड के इस वीडियो में चांद की सतह पर शुरुआत में लहरों जैसा नजारा दिखा, पास पहुंचते ही वहां गड्ढे नजर आए।
इससे पहले, चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद छह पहियों और 26 किलो वाले प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू कर दिया। लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की। जबकि INSPACE चेयरमैन पवन के गोएनका ने बुधवार देर रात ही प्रज्ञान रोवर की रैंप से बाहर निकलते हुए तस्वीर शेयर कर दी थी
ISRO ने कहा- रोवर प्रज्ञान की सभी एक्टिविटीज तय समय पर हो रही हैं। पूरा सिस्टम नॉर्मल है। लैंडर मॉड्यूल पेलोड ILSA, RAMBHA और ChaSTE चालू हो गए हैं। रोवर चलने लगा है। चांद की सतह पर आते ही रोवर ने सबसे पहले अपने सोलर पैनल खोले। ये 1 सेमी/सेकेंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। रोवर अगले 12 दिनों में करीब आधा किलोमीटर का सफर तय करेगा। इसमें दो पेलोड लगे हैं जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज में मदद करेंगे।
अगले 12 दिनों के दौरान रोवर डेटा जमा करेगा और इसे लैंडर को भेजेगा। लैंडर इस डेटा को पृथ्वी तक पहुंचाएगा। डेटा पहुंचाने में चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की भी मदद ली जाएगी। चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।
Here is how the Lander Imager Camera captured the moon's image just prior to touchdown. pic.twitter.com/PseUAxAB6G
— ISRO (@isro) August 24, 2023
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