India News(इंडिया न्यूज़), Chandrayan 1: चंद्रयान-1 चंद्रमा की ओर भारत का पहला कदम था। आज ही के दिन यानी 22 अक्टूबर 2008 को भारत ने पहली बार चंद्रमा पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। चंद्रयान-1 को PSLV-C11 से लॉन्च किया गया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने बेहद नियंत्रित तरीके से इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से टकराया। इसके बाद भारत चंद्रमा पर अपना झंडा फहराने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। जिस स्थान पर चंद्रयान-1 का मून इम्पैक्ट प्रोब टकराया था उसका नाम ‘जवाहर पॉइंट’ था। करीब 15 साल बाद इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चंद्रमा के उसी दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है।
• 1999 में भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्र मिशन को मंजूरी दी। उन्होंने ही मिशन का नाम ‘सोमयान’ से बदलकर ‘चंद्रयान’ कर दिया। नवंबर 2003 में चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यान भेजने की मंजूरी दी गई।
• चंद्रयान-1 मिशन में एक ऑर्बिटर और मून इम्पैक्ट प्रोब (एमआईपी) शामिल था। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान, भारत ने 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी रॉकेट पर चंद्रयान -1 लॉन्च किया था।
• चंद्रयान-1 मिशन की लागत लगभग 386 करोड़ रुपये ($88.73 मिलियन) है। मिशन को दो साल तक चंद्रमा की सतह का सर्वेक्षण करना था।
• 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च हुआ था।
• 8 नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया।
• फिर इसने धीरे-धीरे अपनी कक्षा कम की और 12 नवंबर 2008 को चंद्रमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर पहुंच गया।
चंद्रयान-1 का मून इम्पैक्ट प्रोब (एमआईपी) 14 नवंबर 2008 को चंद्र सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लैंडिंग स्थल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में स्थित शेकलटन क्रेटर के पास था। चूँकि वह दिन भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन है, सरकार ने प्रभाव स्थल का नाम ‘जवाहर पॉइंट’ रखा।
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