India News(इंडिया न्यूज़), Chhath Puja: छठ का त्योहार चार दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह 36 घंटे का कठिन व्रत है, जो बच्चों के लिए रखा जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत होती है। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को जल देकर व्रत का पारण किया जाता है। इसमें सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है।
17 नवंबर 2023 – छठ पूजा की नहाय खाय परंपरा में, भक्त नदी में स्नान करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और शाकाहारी भोजन खाते हैं। व्रती के भोजन करने के बाद ही परिवार के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं।
18 नवंबर 2023 खरना- खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन बनाते हैं। इस दिन गुड़ से बनी चावल की खीर बनाई जाती है। यह प्रसाद मिट्टी के नये चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है। इस प्रसाद को खाने के बाद व्रत शुरू होता है। इस दिन नमक नहीं खाया जाता।
19 नवंबर 2023- इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा का तीसरा दिन बेहद खास होता है। इस दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने के लिए टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि रखे जाते हैं। या किसी नदी तालाब में कमर तक पानी में डूबकर अर्घ्य दिया जाता है।
20 नवंबर 2023- इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है। छठ पूजा में मन और शरीर की बहुत मैत्री होती है। अर्घ्य देने के बाद भक्त प्रसाद खाकर अपना व्रत तोड़ते हैं।
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