Chhawla Case: दिल्ली का 10 साल पुराना छावला रेप केस एक बार फिर चर्चा में आ गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप और हैवानियत के इस मामले में तीनों दोषियों को बरी कर दिया है। इस फैसले के सामने आने के बाद हर कोई हैरान है। बता दें कि निचली अदालत और हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई दी थी।
वहीं 10 साल से इसांफ के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रही पीड़िता की मां ने इस फैसले तो अपनी हार बताया है। मां ने कहा कि मैं हार गई। इस फैसले के इंतजार में हम जिंदा थे। लेकिन अब हार गए हैं। हमें लगा था कि सुप्रीम कोर्ट से उनकी बेटी को इंसाफ मिलेगा। लेकिन इस फैसले के सामने आने के बाद अब जीने का कोई मकसद नहीं बचा है।
तीनों दोषियों को बरी करने में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की घोर लापरवाही को अपने फैसले का आधार बनाया है। कोर्ट का कहना है कि अदालत सबूतों को देखते हुए फैसले लेती ना कि भावनाओं में बहकर। SC ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों को अपनी बात कहने का पूरा मौका नहीं मिला।
ये भी पढ़ें: दिल्ली की हवा अब भी जहरीली, प्रदूषण में हुआ सुधार, जानें मौसम का हाल