Chhawla Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुराना छावला रेप केस के तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है। 10 साल से इसांफ पाने के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रही पीड़िता की मां ने इस फैसले को अपनी हार बताया है। उन्होंने कहा हमें उम्मीद थी की सुप्रीम कोर्ट से उनकी बेटी को इंसाफ मिलेगा। लेकिन इस फैसले के बाद अब जीने का कोई मकसद ही नहीं बचा है।
बता दें कि फरवरी 2010 में छावला निवासी 19 वर्षीय युवती गुड़गांव से काम करने के बाद बस से घर वापस जा रही थी। कुछ देर बाद वह बस से उतर कर अपने घर की तरफ पैदल जाने लगी। उसी दौरान पीछे एक लाल रंग की कार आई और उसमें सवार तीन युवक लड़की को जबरन पकड़कर कार खींच ले गए।
इसके बाद बदमाश युवती को हरियाणा ले गए। कार में उसके साथ उन लोगों ने घंटो तक जबरदस्ती की। वहां पहुंचने के बाद तीनों ने पहले एक दारु के ठेके से शराब खरीदी। इसके बाद वे कार को एक सुनसान जगह पर ले गए और शराब पीते हुए रोशनी के साथ दरिंदगी करने लगे।
तीनों हैवानों ने उस लड़की के जिस्म को नोंचने में जरा भी कसर नहीं छोड़ी। उसके शरीर को कई जगह से दातों से काटा गया और सिर पर घड़े से हमला किया गया। इसके बाद तीनों दरिदों ने हैवानियत दिखाते हुए गाड़ी से लोहे का पाना और जैक निकालकर उसके सिर पर वार किया।
इतना ही नहीं उन हैवानों ने उसे जला कर बदशक्ल करने के लिए गाड़ी के साइलेंसर से दूसरे औजारों को गर्म कर उसके जिस्म को जगह-जगह लगाया। युवती के प्राइवेट पार्ट तक को जला दिया गया। आरोपियों ने बीयर की बोतल फोड़कर लड़की के पूरी जिस्म को तब तक काटा जब तक की युवती की मौत हो गई। इसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट में भी टूटी बोतल डाल दी। उन लोगों ने लड़की की आंखें फोड़कर उनमें कार की बैटरी का तेजाब डाल दिया था।
लड़की के पिता पेशे से गार्ड थे। बहुत देर तक युवती के घर न पहुंचने पर उन्होंने खोजबीन शुरू की। इसके बाद वे पुलिस के पास गए। पीड़ित परिवार ने पुलिस को सारी घटना बताई। उस वक्त वह हैरान रह गए जब दिल्ली पुलिस ने कहा कि संदिग्ध बदमाशों को ढूंढ़ने के लिए उनके पास गाड़ी नहीं है। इसके बाद पुलिस ने जांच करनी शुरू कर दी। सामने आया कि तीनों आरोपी हरियाणा के ही रहने वाले थे। आरोपियों की पहचान रवि, राहुल और विनोद के तौर पर की गई थी। ये तीनों कार ड्राइवर थे। पुलिस ने उनकी मोबाइल फोन लोकेशन और कार की पहचान करके तीनों को पकड़ लिया।
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