India News: दिल्ली सरकार (Delhi Goverment) बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए जहां एक तरफ बेहतर शिक्षा व्यवस्था पर जोर दे रही है तो वहीं दुसरी तरफ चाइल्ड केयर सेंटरों (child care centre) को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है. सरकार की यह कोशिश है कि यहं आने वाले बच्चों को कौशल युक्त बनाया जा सके. जिससे बच्चें भविष्य़ में बेहतर बन सके.
इस मुद्दे पर दिल्ली की महिला और बाल विकास मंत्री आतिशी ने विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के बाद इस मौके पर महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि चाइल्ड केयर सेंटर में वैसे बच्चे आते हैं, जो बहुत ही भयावह अतीत से गुजर चुके होते हैं. वैसे बच्चों का इतिहास बहुत ही कराब रहा होता है. ऐसे बच्चों को उनके दुखदायी अतीत से पीछा छुड़ाकर मुख्यधारा में शामिल करने के लिए बहुत जरूरी है कि उन्हें विशेष देखभाल मिले.
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आपको बता दें कि वर्तमान समय में दिल्ली सरकार 25 चाइल्ड केयर सेंटर चला रही है. इनमें 6 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए 16 चिल्ड्रन होम, छह वर्ष तक के बच्चों के लिए एसएए, तीन आब्जर्वेशन व एक स्पेशल होम, दो प्लेस आफ सेफ्टी व दो आफ्टर केयर होम शामिल हैं. चाईल्ड केयर सेंटर में बच्चों को रहना-खाना व दवाएं जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ ड्रग डी-एडिक्शन की सुविधा, जरूरत के अनुसार औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा, मनोरंजक और कानूनी सलाह आदि उपलब्ध हैं.