CM Kejriwal appeals to the PM in the House: “देर आए दुरुस्त आए। केंद्र सरकार ने हमारा बजट पास कर दिया। पहले ही पास कर देते इतना बखेड़ा करने का क्या जरूरत थी” सीएम केजरीवाल ने यह संबोधन दिल्ली बजट सत्र के दौरान सदन की भीतर दिया है। साथ ही सीएम ने कहा कि हमारी पीएम से प्रार्थना है, हम काम करना चाहते हैं, लड़ना नहीं।
भाषण के दौरान सीएम ने केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि जिस राज्य-देश में लड़ाई होती, वो बर्बाद हो जाते हैं। वित्त मंत्री ने इकॉनमिक सर्व पेश किया कि दिल्ली देश की औसत से भी ज़्यादा तेज़ी से तरक्क़ी कर रही है। सीएम ने कहा कि अगर झगड़े नहीं होते तो यह आंकड़ा 10 गुना होता। सीएम ने आगे कहा कि, बाबा साहेब संविधान लिख रहे थे तो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि केंद्र किसी राज्य का बजट रोकेगा। सीएम ने कहा कि यह देश के संविधान पर हमला है। देश के 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
केजरीवाल ने कहा कि, उपराज्यपाल(एलजी) ने बजट पर ऑब्जेक्शन लगाए, जबकि संविधान कहता है कि एलजी को ऑब्जेक्शन लगाने का अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि, उपराज्यपाल के पास फाइल पर लिखने तक का अधिकार नहीं है। अगर एलजी को ही सरकार चलानी है तो ये जो चुनकर आए हैं, इनका क्या काम है? दिल्ली सीएम ने कहा,” केंद्रीय गृह मंत्रालय(MHA) का आदेश आता है कि 3 दिन तक बजट लेकर बैठे रहो 20 March को अधिकारी बताते हैं कि प्रश्नचिन्ह आई हैं अधिकारियों पर कार्रवाई तो होनी चाहिए।”
मंत्रालय के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने कहा कि कहते हैं केंद्र ने कहा है विज्ञापन का बजट इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा कर दिया, ठीक करने को बोला.. इस पर सीएम ने कहा कि, इन्होंने ऊपर से नीचे तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है। 500 की फिगर 20,000 से ज्यादा होती है? ₹20,000 करोड़ है इंफ्रास्ट्रक्चर पर ₹500 करोड़ है विज्ञापन पर आप बताईए, इनमें से कहां ज्यादा खर्च किया जा रहा है।