इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आईटीवी नेटवर्क ने भारतीय समाचार टेलीविजन पर एक ऐतिहासिक सीरीज मुख्यमंत्री मंच शुरू की है। यह मंच अगले 20 दिनों में प्रतिदिन देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ एक संवादात्मक साक्षात्कार प्रदर्शित करेगा। मुख्यमंत्री मंच के तीसरे दिन के शो में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने हिस्सा लिया।
उन्होंने मेघालय में अपने कामों की उपलब्धि को बताते हुए कहा कि जब हमने वर्ष 2018 में कार्यभार संभाला तब हमारी पहली प्राथमिकता यह थी कि राज्य की जनता को बेहतर योजनाएं तथा बेहतर सरकार दी जाए। हमने डेढ़ साल के कार्यकाल में राज्य के 35 प्रतिशत लोगों यानी 2 लाख 30 हजार लोगों के घरों में नलों के जरिए पीने का पानी पहुंचाया। जो पहले सिर्फ 4300 घरों यानी 1 प्रतिशत जनता को ही उपलब्ध था। हम राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर दे रहे हैं। जिसके अंतर्गत हम हर जगह सड़कों का जाल बिछा रहे हैं।
शिलॉन्ग में हमने 8 से 9 फ्लाइट शुरू की हैं, जो राज्य के अलग-अलग जगहों के लिए उड़ान भरती हैं। इसके साथ ही देश की राजधानी के लिए भी हमने हवाई सेवा शुरू की है। हम किसानों के विकास पर अधिक जोर दे रहे हैं। नेशनल को-आपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन के जरिए हमने कई सारी परियोजनाएं शुरू की है। हम फोकस योजना के जरिए किसानों को सामूहिक रूप से “उत्पादक समूह” के रूप में एकत्रित कर रहे है। एकत्रित किए गए हर समूह के प्रत्येक सदस्य को 5,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के जरिए हम राज्य के 4.5 लाख से अधिक किसान परिवारों को इसका लाभ देना चाहते हैं।
आने वाले 2023 के चुनाव की तैयारी के बारे में सीएम संगमा ने बताया कि हमने राज्य के विकास के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किये हैं। जिसमें सबसे पहला यह है कि आने वाले दस वर्षों में मेघालय को टॉप 10 राज्यों की सूची में लाया जाए। इसके लिए हम प्रयासरत है। हम इस वर्ष अपना 50वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। राज्य को टॉप 10 की सूची में शामिल करने के लिए राज्य की जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाना होगा। इसके लिए हमें कुछ क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देना होगा। जिसमें सबसे पहला कृषि और खाद्य प्रसंस्करण है।
दूसरा है पर्यटन क्षेत्र। इसमें हमारा फायदा है। हम पर्यटन क्षेत्र को काफी आगे बढ़ाएंगे। जिससे राज्य की जीडीपी बढ़ेगी। इसमें कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें हमे काम करना है और इसके साथ ही हमें इसमें निवेश करने की आवश्यकता है। हमने पर्यटन के क्षेत्र में 15 सौ से 2 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की हैं। इसके साथ ही हम कृषि के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सकें। इसके लिए पूरे नार्थ ईस्ट के राज्यों को साथ आना होगा तभी हम साथ मिलकर नार्थ ईस्ट का विकास कर पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम पड़ोसी राज्यों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस प्रश्न का जवाब देते हुए सीएम संगमा ने कहा कि जब बात नार्थ ईस्ट क्षेत्र की आती है तो हम हमेशा कहते हैं कि हमें क्षेत्र की एक आवाज की जरुरत है। हमारे पास 25 एमपी हैं लेकिन इनके बीच एकता की कमी है। अलग-अलग पार्टी के एमपी होने की वजह से हम एक साथ आने से कतराते हैं। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी को किसी की मदद की जरुरत नहीं पड़ी। भाजपा ने अपने दम पर सरकार बनाई है। लेकिन एक गठबंधन पार्टी होने के नाते हमने मणिपुर में उन्हें अपना समर्थन दिया।
देश में बढ़ रहे सांप्रदायिक तनाव के बारे में सीएम संगमा ने कहा कि सांप्रदायिक तनाव किसी के लिए भी सही नहीं है। फिर चाहे वो देश के बारे में हो, समाज के बारे में हो या फिर जनता के बारे में हो। आज देश में धर्म के नाम पर जो कुछ भी हो रहा है उसे बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। भारत जैसे विविधता वाले समाज में सांप्रदायिक तनाव हो सकते हैं। लेकिन हम उन्हें होने से रोक भी सकते हैं।
क्या भारत में हिंदी को एकमात्र भाषा का दर्जा दिया जा सकता है। इस पर सीएम संगमा ने कहा कि मैंने अपनी पढ़ाई दिल्ली में की और वही पर हिंदी सीखी है। किसी भी समुदाय की पहचान उनकी भाषा होती है। हमें अपनी मातृ भाषा और अपनी स्थानीय भाषा को बढ़ावा देना चाहिए। अगर हमें किसी दूसरी भाषा बोलने से कोई फायदा मिलता है तो उसे सिखने में कोई हर्ज नहीं है। चाहे फिर वो इंग्लिश हो या जैपनीज। हमें ज्यादा से ज्यादा भाषाएं सीखनी चाहिए। हिंदी देश में संपर्क करने का एक बड़ा जरिया है।
असम से चले रहे सीमा विवाद पर सीएम संगमा ने कहा कि पिछले कई वर्षों से चले आ रहे इस विवाद से जनता को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गत 50 वर्षों में इस मामले को लेकर असम और मेघालय के मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेट्ररी 26 बार से ज्यादा मीटिंग कर चुके हैं। इन मीटिंगों से अभी तक कुछ नहीं निकला है। इन मीटिंगों से सिर्फ 2-3 घंटो की प्रेजेंटेशन हुई और दो कप चाय पी तथा मामले में आगे बाते करेंगे कहकर वापस चले गए।
इसके बाद जब मुझसे और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से जब आमने सामने इस मामले पर आपस में बातचीत हुई तो हमने इसे एक अलग नजरिये से पहल किया। इसके लिए हमने एक टीम बनाई और जनता से जाकर पूछा कि आप असम में रहना चाहते हैं या मेघालय में। हमने जनता के फैसले का स्वागत किया। यह सर्वे का काम सर्वे आॅफ इंडिया के द्वारा कराया गया।
तजिंदर सिंह बग्गा की गिरफ़्तारी में हुए पुलिस के इस्तेमाल के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की पुलिस उस राज्य की सरकार के आदेश पर काम करेगी। ऐसे मामलों को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। मैं आशा करता हूं कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार मध्यस्थता कर इस समस्या का हल निकलेगी और भविष्य में ऐसी परिस्थितियां न हो इसपर भी आवश्यक कदम उठाएगी।
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर पूछे जाने पर सीएम संगमा ने कहा कि इस इस मुद्दे पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता क्योंकि इस संबंध में मेरे पास कोई विशेष जानकारी नहीं है। बिना किसी जानकारी के कोई भी जवाब देना उचित नहीं होगा।
कार्यक्रम के आखिर में सीएम संगमा ने गिटार बजाते हुए हिंदी में गाना गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया।
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