Coal Scam: आज कोयला घोटाले के एक मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दो वरिष्ठ पूर्व अधिकारियों समेत तीन को सजा सुनाई है। आपको बता दे कि पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को तीन साल और कंपनी के निदेशक को चार साल की सजा सुनाई है। यह मामला नागपुर की एक निजी कंपनी को कोयला खदान आवंटन में धांधली से जुड़ा है। स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने ये फैसला सुनाया।
आपको बताते चलें कि कोर्ट ने 4 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सजा की अवधि के मामले पर फैसला कर लिया था। 29 जुलाई को कोर्ट ने एचसी गुप्ता और पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा को भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया था। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा था कि एचसी गुप्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव को बैठकों में लोहारा पूर्वी कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले में गलत सूचना दी। नागपुर की कंपनी ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसके निदेशक मुकेश गुप्ता को भी दोषी ठहराया गया। इन सभी को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी पाया गया। कोयला घोटाले में दोषसिद्धि का यह 11वां मामला है।
आरोपियों ने कंपनी की संपत्ति, क्षमता, उपकरण और खरीद की स्थिति तथा संयंत्र की स्थापना के बारे में गलत जानकारी दी। आरोपियों ने ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पक्ष में कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए केंद्र और कोयला मंत्रालय को गुमराह किया। जांच एजेंसी ने कहा कि कंपनी ने अपने आवेदन में दावा किया था कि उसका कुल नेटवर्थ 120 करोड़ रुपये है जबकि हकीकत में उसकी कुल कीमत 3.3 करोड़ रुपये थी। साथ ही कंपनी ने 30,000 टीपीए के बदले अपनी मौजूदा क्षमता 1,20,000 टीपीए दिखाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2014 को सभी कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया था।
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