India News(इंडिया न्यूज़), Congress: कांग्रेस पार्टी ने 18 दिसंबर से ‘देश के लिए दान’ नाम से एक अभियान शुरू किया है। सवाल यह है कि कांग्रेस को क्राउड फंडिंग की जरूरत क्यों पड़ी? क्या ये वाकई पार्टी की सोच है या मजबूरी?
अपने 138वें स्थापना दिवस से 10 दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने क्राउड फंडिंग शुरू कर दी है। इस अभियान को ‘डोनेट फॉर देश’ नाम दिया गया है। पार्टी का कहना है कि जो लोग बेहतर भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें लगता है कि कांग्रेस पार्टी में दम है, उन्हें आगे आना चाहिए और वित्तीय मदद के साथ ही देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ हाथ मिलाना चाहिए। चूंकि पार्टी इस महीने के अंत में नागपुर में अपना 138वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है, इसलिए वह अपने कार्यकर्ताओं, नेताओं और सहानुभूति रखने वाले समर्थकों से संख्या 138 को केंद्र में रखते हुए दान करने की अपील कर रही है। आपको यह बात समझनी चाहिए कि पार्टी का 138, 1380, 13800 जैसे चंदे पर बड़ा जोर है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस अभियान की शुरुआत कर रहे थे तो उन्होंने एक बड़ी बारीक बात कही जो इस अभियान के पीछे पार्टी की सोच को बताती है। खड़गे साहब ने सबसे पहले कहा कि कांग्रेस पार्टी पहली बार ऐप बनाकर ऐसा प्रयास कर रही है। लेकिन इसके बाद उन्होंने कहा कि पार्टी का उद्देश्य आम लोगों के सहयोग से थोड़ा-थोड़ा पैसा जोड़कर देश का निर्माण करना है क्योंकि अगर हम सिर्फ अमीरों पर भरोसा करके काम करते रहेंगे तो कल हमें उनके कार्यक्रमों को स्वीकार करना होगा और नीतियां। जाहिर है कि ऐसा कहकर देश की सबसे पुरानी पार्टी जनता की आर्थिक मदद से जनता को केंद्र में रखकर नीति निर्धारण की राजनीति करने का भरोसा दे रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 का आम चुनाव भारत का सबसे महंगा चुनाव था। सीएमएस के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों ने कम से कम 50 हजार करोड़ रुपये से 60 हजार करोड़ रुपये तक खर्च किए।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 में राष्ट्रीय पार्टियों के पास कुल 8 हजार 829 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। इसमें से करीब 70 फीसदी यानी करीब 6 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति अकेले भारतीय जनता पार्टी की थी। वहीं, कांग्रेस पार्टी संपत्ति के मामले में बीजेपी से काफी दूर खड़ी नजर आई। 2021-22 में कांग्रेस के पास करीब 800 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में भारतीय जनता पार्टी की संपत्ति में जहां करीब 21 फीसदी का इजाफा हुआ, वहीं कांग्रेस की संपत्ति में करीब साढ़े 16 फीसदी का इजाफा हुआ।
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