India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Corruption Case: दिल्ली पुलिस के पांच जवानों पर भ्रष्टाचार का आरोप है। उन्हें 10 लाख रुपये की रिश्वत लेकर अवैध शराब तस्करी के आरोपियों को छोड़ने का आरोप लगा है। इसके बाद, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में नार्कोटिक्स यूनिट में तैनात सभी पांच पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस के इस मामले में भ्रष्टाचार की जांच तेजी से हो रही है।
पीड़ित सुखकरण ने बताया कि वह साउथ सिटी-1 सेक्टर 41 गुरुग्राम में शराब की दुकान पर काम करते हैं। उनकी कहानी के अनुसार, मंगलवार की रात वह अपने दोस्तों अनिल छिल्लर, राजेश कुमार और दीपक के साथ रंगपुरी पेट्रोल पंप के पास कार में शराब पी रहे थे। इस दौरान, चार युवकों को देखकर खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले व्यक्ति आए और उन्हें मारना शुरू कर दिया। उन्हें फिर एंटी-नार्कोटिक्स यूनिट के ऑफिस ले गए।
उन्होंने यह भी बताया कि नार्कोटिक्स यूनिट के आरोपी पुलिसकर्मियों में हेड कॉन्स्टेबल अशोक, विश्वास दहिया, कॉन्स्टेबल मनीष, दीपक और राजकुमार शामिल थे। आरोपी उन्हें पहले तो पिटाई की, फिर जब उन्हें पता चला कि चारों युवकों में से दो पुलिस कॉन्स्टेबल थे, तो उन्हें 10 लाख रुपये देकर छोड़ दिया।
यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक दहिया को लाइन हाजिर किया गया है। इस मामले की जानकारी मिलते ही डीसीपी रोहित मीणा ने वरिष्ठ अधिकारियों को जांच के आदेश दिए, जिसमें आरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा 10 लाख की रिश्वत लेने का पता चला। जांच के दौरान पीड़ित एवं आरोपी की बातचीत का रिकार्ड भी खंगाला गया, और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पीड़ित दोनों पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। पुलिस अभी इस आरोप की जांच कर रही है। शिकायतकर्ताओं में शामिल राजेश और दीपक के खिलाफ यह आरोप है कि वे शराब तस्करों को हरियाणा सीमा और दिल्ली सीमा पार कराने में सहायता करते थे। हालांकि, इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। इस कारण, पुलिस का शक उन पर बढ़ता जा रहा है।
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