डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया(Deputy CM Manish Sisodia) को सीबीआई की कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के सामने सीबीआई ने अर्जी दाखिल कर पूछताछ के लिए 5 दिनों की हिरासत की मांग की। सीबीआई के पक्षकार ने कोर्ट के सामने सियोदिया के जांच में सहयोग ना करने का हवाला देते हुए हिरासत की मांग की। इस पर अदालत ने सीबीआई के वकील से मुख्य रूप से तीन सवालों के जवाब देने को कहा।
जवाब देते हुए सीबीआई के वकील ने कहा कि मनीष सवालों का सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं। आबकारी विभाग के मंत्री होने के नाते वे नई नीति के लिए गठित मंत्री समूह का नेतृत्व कर रहे थे। जिसमें थोक बिक्री मॉडल पर चर्चा नहीं की गई है।
ये पूरा घोटाला लाभ पर केंद्रित है और उसपर हमलोग जांच करने जा रहे हैं। थोक बिक्री पर अचानक से लाभ मार्जिन 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया। बदलाव क्यों किए गए सिसोदिया इस बारे में नहीं बता सके। इस पर सिसोदिया के वकील ने दलील देते हुए कहा कि जहां तक लाभ मार्जिन का 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का सवाल है तो यह उपराज्यपाल की मंजूरी से किया गया। यदि यह अपराध है तो इसमें सभी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। किसी एक के खिलाफ ही क्यों कार्रवाई हो रही है?
इस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि मामले की प्रभावी जांच करनी है। जांच में खुलासा हुआ है कि सिसोदिया व्यक्तिगत रूप से निर्णय लिए। प्रभावी जांच के लिए हिरासत जरूरी है। हालांकि अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सिसोदिया को 4 मार्च तक हिरासत में लेने का आदेश दिया।