इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Court Rejects Bail Plea : जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को अदालत से राहत नहीं मिली। अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर दी है। गौरतलब है कि गुरुवार को आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका दायर की गई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इन दंगों की साजिश बहुत बड़ी थी और आरोपी पर इस साजिश का हिस्सा होने का आरोप है। ऐसे में आरोपी को जमानत देने का कोई तुक ही नहीं है।
कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने अपने फैसले में बताया कि कुछ लोगों द्वारा इन दंगों को भड़काने से 53 बेकसूर लोगों की जान चली गई थी, जबकि सात सौ से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। दंगों से संबंधित किसी भी मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उमर खालिद पर इन दंगों की साजिश में सक्रिय रूप से शामिल होने का आरोप है, इसलिए आरोपी को जमानत देने का कोई आधार नहीं है।
अदालत ने 3 मार्च को अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाने के लिए 14 मार्च निश्चित किया था। इसके बाद 14 मार्च के फैसले को 21 मार्च तक के लिए स्थगित किया गया और फिर 21 मार्च से 23 मार्च तक के लिए फैसला टाल दिया गया। 23 मार्च को भी जमानत याचिका पर फैसले देने के बदले 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस तरह जमानत याचिका पर निर्णय तीन बार स्थगित हुआ। अब अदालत ने स्पष्ट फैसला दे दिया है।
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