नई दिल्ली। उपहार अग्निकांड मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने वाले दोषी पाए गए सुशील और गोपाल और दो अन्य लोगो को पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उनकी बाकी की सजा को माफ कर दिया है। इसको लेकर कोर्ट ने उनकी उम्र का हवाला दिया। हालांकि जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि जुर्माने की रकम में किसी भी तरह की कटौती नहीं की जाएगी।
कोर्ट के इस फैसले के बाद शिकायतकर्ता नीलम कृष्णमूर्ति अदालत में रो पड़ीं। न्यायमूर्ति शर्मा ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि उनके नुकसान की भरपाई कोई नहीं कर सकता है। लेकिन मामले में दोषियों की उम्र पर विचार किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे नैतिक रूप से लगता है कि आपका तर्क प्रभावशाली है और आपके नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती।
वहीं पीड़ित और शिकायतकर्ता कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह कोर्ट से बहुत निराश हैं और इस फैसले ने यह संदेश दिया है कि अपराधी किसी की भी हत्या कर आसानी से बच सकता हैं। इससे एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने अंसल और गोपाल की अपील को खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि अपील में 1997 में हुए उपहार अग्निकांड में सबूतों से छेड़छाड़ मामले में उनको दोषसिद्धि और सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। मामले में एक मजिस्ट्रियल अदालत ने रियल एस्टेट कारोबारियों को अग्निकांड का दोषी ठहराते हुए सात साल जेल की सजा सुनाई थी और इसके अलावा उनमें से प्रत्येक पर 2.25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।
ये भी पढ़ें: मार्गरेट अल्वा ने भरा चुनाव में नामांकन, राहुल गांधी समेत कई नेता रहे मौजूद