होम / Criminal Law Bills : क्रिमिनल लॉ बिल: 150 साल पुराने 3 कानूनों में बड़ा बदलाव, मॉब लिंचिंग पर होगी फांसी

Criminal Law Bills : क्रिमिनल लॉ बिल: 150 साल पुराने 3 कानूनों में बड़ा बदलाव, मॉब लिंचिंग पर होगी फांसी

• LAST UPDATED : December 20, 2023

India News(इंडिया न्यूज),Criminal Law Bills : बुधवार (20 दिसम्बर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन नए आपराधिक कानून विधेयक पर बोलते हुए कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (सीआरपीसी) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं।

अमित शाह ने कहा कि सीआरपीसी की 177 धाराओं में बदलाव किया गया है। 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 अनुभागों में समय रेखाएँ जोड़ी गई हैं और 14 अनुभाग हटा दिए गए हैं।

मॉब लिंचिंग पर फांसी

अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या पहली बार मोदी सरकार ने की है। जिसके कारण हम इसकी कमियों का फायदा नहीं उठा पाते। देशद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम किया गया है। व्यक्ति की जगह देश को रख दिया गया है। देश को नुकसान पहुंचाने वालों को कभी भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।’ यह कानून देशद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम करेगा।

उन्होंने कहा कि अगले 100 साल में इतने तकनीकी बदलाव होंगे। इस कानून में तमाम प्रावधान किये गये हैं। मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इस कानून में हम मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान कर रहे हैं।

मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध

उन्होंने आगे कहा कि मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इस कानून में हम मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। उन्होंने 70 वर्षों में से 58 वर्षों तक शासन किया है, तो जब वे सत्ता में आए तो परिवर्तन क्यों नहीं लाए। आप उस तरफ भी बैठे होंगे। बाहर भी बैठे होंगे।

नए भारत में नहीं रहेगा राजद्रोह जैसे काले कानून

नये भारत में अंग्रेजों के देशद्रोह जैसे काले कानून को ख़त्म कर दिया गया। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (सीआरपीसी) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं। 9 नए अनुभाग जोड़े गए हैं, 39 नए उप-अनुभाग जोड़े गए हैं, 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 अनुभागों में समय सीमा जोड़ी गई है और 14 अनुभाग हटा दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने लाल किले से कहा था कि देश को औपनिवेशिक कानूनों से मुक्त कराया जाना चाहिए। उसके बाद 2019 से बदलाव की प्रक्रिया शुरू हुई। यह कानून विदेशी शासन की गुलाम प्रजा पर शासन करने के लिए बनाया गया कानून है।

इसे भी पढ़े:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox