India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Cyber Fraud: एक बड़ी खबर सामने आयी है। अब साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका ढूंढ निकाला है लोगों को ठगने का। वे अलग-अलग राज्यों की पुलिस का नाम उठाकर फर्जी साइबर सेल के नाम से लोगों को मेल और कॉल्स कर डरा रहे हैं। यह चाल मुख्यतः व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हो रही है। वे असली और नकली पुलिस सेल के नाम से मेल और कॉल्स करके लोगों को डराते हैं ताकि उनसे जानकारी मिल सके।
साइबर अपराधियों की बढ़ती धारा ने आम लोगों के जीने को अब मुश्किल बना दिया है। रोज़ाना, सुबह से लेकर रात तक, ये अपराधी लोगों को अलग-अलग बहानों से कॉल करते हैं, लिंक्स भेजते हैं या मेल भेजकर उन्हें धमकाते हैं और अनुदान के नाम पर पैसे ठगने का प्रयास करते हैं। इन ठगों की चालों से बचना बहुत ज़रूरी है। अपराधी अलग-अलग राज्यों की पुलिस के नाम पर फर्जी साइबर सेल बनाई है, जिसके जरिए वे लोगों को मेल भेजकर डराते हैं या वाट्सएप पर पुलिस अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर कॉल कर धमकाते हैं। इन ठगों की धोखाधड़ी में आने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उन्हें अपनी विश्वसनीयता पर विश्वास नहीं करना चाहिए और ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न होना चाहिए जिसमें उन्हें अज्ञात लोगों से साझा करना पड़े।
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि डेटा चोरी एक गंभीर समस्या है। आजकल लोग अक्सर अपने दस्तावेज और आईकार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करते हैं, और साइबर अपराधियों को ऐसे दस्तावेज़ों की चोरी करने का मौका मिलता है। इसके बाद, वे अपराधियों लोगों को पुलिस के तौर पर मेल भेजकर या कॉल करके विभिन्न बहानों के तहत उनसे पैसे ठगने का प्रयास करते हैं। इन साइबर अपराधियों ने पुलिस की फर्जी मेल आईडी को इतने मास्टर बनाया है कि आम लोग असली और नकली मेल आईडी के बीच का अंतर नहीं समझ पाते हैं, और उनकी धोखाधड़ी में फंस जाते हैं।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने साइबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। उनके अनुसार, हर दिन लोगों को अलग-अलग बहानों के साथ साइबर अपराधियों के फर्जी मेल मिलते हैं। इसके बाद, लोगों को तुरंत दिल्ली के साइबर सेल थानों या मुख्य साइबर सेल यूनिट को रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है। वे इस नई चाल का संदेश देते हुए बताते हैं कि साइबर अपराधियों के द्वारा लोगों को धोखे से फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
साइबर अपराधियों की चाल में आने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। उन्हें किसी भी ऐसे मेल या कॉल पर विश्वास नहीं करना चाहिए और तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए। उन्होंने इसके अलावा सेक्सटार्शन और बच्चों के पोर्न साइट देखने के संबंध में भी चेतावनी दी है। यह अपराधी लोगों को डराने और धोखा देने के लिए ऐसे बातें कहकर पैसे ठगने का प्रयास करते हैं। पुलिस ने आम लोगों से अनुरोध किया है कि वे इस तरह के फर्जी मेल या कॉल्स पर ध्यान न दें और संबंधित प्राधिकरणों को सूचित करें।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह महीनों में साइबर सेल द्वारा की गई कार्रवाई के आंकड़े खुद में व्यापक और निर्णायक हैं। इस समयावधि में, 140 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया, जिनमें फर्जी कॉल सेंटर, सोशल मीडिया के माध्यम से ब्लैकमेल, सेक्सटार्शन, कृप्टो, डिजिटल अरेस्ट, और ट्रेडिंग जैसे विभिन्न प्रकार के अपराध शामिल हैं।
इसके अलावा, एनसीआरपी पोर्टल पर 32000 वित्तीय फ्राड की शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से प्रत्येक शिकायत पर खातों को फ्रीज करने का अनुरोध किया गया। इस अभियान के तहत, कुल 62 करोड़ रुपये की रकम को 7200 खातों में फ्रीज किया गया।
यहां तक कि, इस प्रक्रिया में, लगभग 20 प्रतिशत रकम को शिकायतकर्ताओं को वापस किया गया। यह साइबर सेल की सशक्त और अभिनव पहल को प्रकट करता है जो डिजिटल स्पेस में सुरक्षा के मामले में लोगों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए काम कर रही है।
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