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Cyber Fraud: घर का सामान बेचने के बहाने की हज़ारों की ठगी, दिल्ली के चर्चित IPS के नाम पर….

• LAST UPDATED : June 20, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज), Cyber Fraud: साइबर ठगों ने दिल्ली पुलिस के प्रमुख IPS भीष्म सिंह के नाम का इस्तेमाल करके एक दोस्त को धोखाधड़ी का शिकार बनाया है। वर्तमान में भीष्म सिंह मिजोरम में DIG के पद पर हैं। जब उनके पीड़ित दोस्त ने सीधे कॉल करके हाल-चाल पूछी, तो उन्हें साइबर फ्रॉड का पता चला। इस मामले में नॉर्थ वेस्ट जिले की साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है और पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।

Cyber Fraud: जानिए पूरी घटना

दिल्ली के अशोक विहार फेज 1 में रहने वाले करमवीर ने पुलिस को बताया कि उनके एक करीबी मित्र भीष्म सिंह IPS हैं और ठगी करने वाले ने भीष्म सिंह की फेक फेसबुक ID बनाई थी। उस ID के माध्यम से 1 जून को उनके पास एक मैसेज आया था, जिसमें लिखा था – ‘Hi, How are you?’। इस मैसेज को देखकर कोई शक नहीं हुआ और करमवीर ने उत्तर दिया – ‘मैं ठीक हूं, आप कैसे हैं?’। शाम को एक और मैसेज आया, जिसमें ‘Good’ लिखा था, और फिर उसने मोबाइल नंबर मांगा।

ऐसे बनाया बेवक़ूफ़

कर्मवीर ने अपने मित्र IPS भीष्म सिंह के साथ एक साइबर ठगी की शिकार होने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि भीष्म सिंह की फेक फेसबुक ID के माध्यम से एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि उनके एक दोस्त, CRPF में सीनियर ऑफिसर सुमित कुमार, ने अपना सारा सामान सस्ते में बेच दिया है। भीष्म सिंह ने कहा कि सुमित कुमार आपसे कॉल करेगा और आप उसके सामान को देख सकते हैं। कर्मवीर ने उस ठग की धोखाधड़ी में फंसने के बाद ‘Ok’ लिख दिया। इसके बाद 3 जून की सुबह, एक अनजान नंबर से मैसेज आया, जिसने अपने को सुमित बताया। सुमित ने फिर डबल बेड, सोफा सेट, फ्रिज, LED TV और अन्य घरेलू सामानों की फोटो और लिस्ट को कर्मवीर को भेज दिया।

Cyber Fraud: ऐसे ठगे पैसे

कर्मवीर ने IPS भीष्म सिंह के साथ एक साइबर ठगी का शिकार होने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें भीष्म सिंह की फेक फेसबुक ID के माध्यम से एक मैसेज आया, जिसमें कहा गया कि उनके दोस्त, CRPF के सीनियर ऑफिसर सुमित कुमार का ट्रांसफर हो गया है और वो अपनी गाड़ी बेच रहे हैं। साइबर ने कहा कि सामान की कीमत 85000 रुपये है और उसने फ्री होम डिलीवरी की सुविधा भी दी।

कर्मवीर ने भीष्म सिंह की बात पर विश्वास करते हुए सुमित को उनके दिए गए एड्रेस पर सामान भेजने का आदेश दिया और ऑनलाइन 70,000 रुपये भेज दिए। ठग ने इसके बाद कहा कि एक और CRPF अफसर का ट्रांसफर हुआ है और वो अपनी गाड़ी बेचने के लिए भी कर्मवीर से संपर्क करेंगे। सुमित ने गाड़ी की फोटो भेजी और कर्मवीर ने उसे गाड़ी दिखाने के लिए कहा, लेकिन उसके बाद ठग का कोई जवाब नहीं आया। कर्मवीर ने समझा कि शायद नेटवर्क की कोई समस्या है और उसने भीष्म सिंह को फोन कर लिया।

उड़ गए होश

भीष्म सिंह की यह कहानी कुछ ऐसी है जिसने उनको साइबर ठगी के जाल में फंसा दिया। एक दिन उन्हें अपने नाम से फेक फेसबुक आईडी के माध्यम से मैसेज आने लगे, जिसमें उनके दोस्त और सैन्य सहयोगी सुमित कुमार का जिक्र था। यहां तक कि ठग ने उन्हें गाड़ी बेचने का लिए भी प्रोत्साहित किया।

भीष्म सिंह ने जल्द ही समझ लिया कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं। उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई और सत्तर हजार रुपये की ठगी से बचने का प्रयास किया। ठगों ने उन पर दबाव बनाकर उनके पैसे वापस न करने के लिए कई बार फोन किया, लेकिन भीष्म सिंह ने इनकी धोखाधड़ी को ठुकरा दिया। अंत में, ठगों ने उनका फोन नंबर ब्लॉक कर दिया।

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