India News Delhi (इंडिया न्यूज दिल्ली), DDA: राजधानी दिल्ली में 1100 पेड़ काटने के मामले में AAP मंत्री सौरभ भारद्वाज और DDA विभाग के अधिकारियों में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। पर्यावरण और वन विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली के एलजी और सीएम को पत्र लिखा था। जिस पर आप मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाये हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहाकि दिल्ली के वन्य क्षेत्र में एक पेड़ काटने के लिए भी इजाज़त सिर्फ और सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही दे सकता है। कोई भी विभाग और संस्थान वन्य छेत्र में पेड़ काटने की अनुमति नहीं दे सकता। इतने कड़े नियम होने के बावजूद भी बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के डीडीए ने 1100 पेड़ काट दिए हैं। ये देश की सबसे बड़ी अदालत की अवमानना है।
आप मंत्री सौरभ ने कहा की केंद्र शाषित डीडीए अपने अपराध छुपाने के लिए झूठी अनुमति लेने सुप्रीम गया था। जबकि डीडीए 2 महीने पहले ही उन पेड़ो को काट चुका है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की जानकारी एक एनजीओ के माध्यम से हुई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृति देने से इनकार कर दिया। ये देश के सबसे उच्च न्यायलय की अवमानना है। लिहाज़ा इनके खिलाफ मुकदमा बनना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की बात को दोहराते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा की जब DDA चोरी छुपे वन्य क्षेत्र से पेड़ काट रहा था तो वन विभाग भी इसमें शामिल था। वन विभाग के अधिकारियों को इस बात की पूरी जानकारी थी कि डीडीए गैरकानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई कर रहा है। वन विभाग को DDA की इस अपराध का विरोध करना चाहिए था, शोर मचाना चाहिए था और इस अपराध को रोकना चाहिए था। आखिर वन विभाग के अधिकारी कहां छुपे हुए थे।