पिछले वर्ष जुलाई में एलजी और डीडीए के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने स्वयं एक ट्वीट कर इसकी माली हालत पर सवाल खड़े किए थे। एलजी ने यह बताते हुए कि डीडीए पर लगभग 10 हजार करोड़ की देनदारियों का बोझ है, जनता से डीडीए को स्थिति से उबरने के लिए सुझाव भी देने को कहा था। दूसरी और केंद्र सरकार का भी अपने विभागों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का स्पष्ट निर्देश है। डीडीए अधिकारियों के मुताबिक इन्हीं कारणों के चलते यह योजना बनाई गई है। इसके तहत डीडीए अपने सभी 15 खेल परिसरों और दोनों गोल्फ कोर्सों में विज्ञापन के अधिकार निजी कंपनियों को देगा। इसके तहत कंपनियां अपने उत्पादों का वहाँ किसी भी रूप में प्रचार कर सकेंगी। चाहे वे होर्डिंग या बैनर लगाए, बैकड्राप अथवा साइन बोर्ड बनवाए या तय किए जा रहे हैं,फिर अन्य तरीका अपनाए। इसकी एवज में निजी कंपनियां डीडीए को सालाना तौर पर एकमुश्त राशि का भुगतान करेंगी।
डीडीए के ज्यादातर खेल परिसरों में पार्टी हाल या बैंक्वेट भी हैं। इनमें कार्यक्रम आयोजन के लिए बुकिंग तो अभी भी की जाती है, लेकिन जन जागरूकता के अभाव में बुकिंग कम ही रहती हैं। इसके अलावा वहां बुकिंग के लिए किसी सदस्य की सिफारिश भी चाहिए होती है, लेकिन अब डीडीए इन्हें भी निजी कंपनियों को सौंपने जा रहा है। वही इनका रखरखाव करेंगी एवं इनमें कार्यक्रमों के लिए शुल्क तय कर बुकिंग करेंगी। बुकिंग भी सभी के लिए रहेगी, वह भी बिना किसी सिफारिश डीडीए को यहां भी इन कंपनियों से सालाना स्तर पर एकमुश्त रकम मिल जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक इस योजना के तहत टेंडर इसी माह निकाल दिए जाएंगे। फिलहाल शुरुआत तीन जगह- सीरीफोर्ट और यमुना खेल परिसर एवं कुतुब गोल्फ कोर्स से की जाएगी। यहाँ प्रयोग सफल रहने पर फिर इसे सभी जगहों पर लागू कर दिया जाएगा। निजी कंपनियों के साथ डीडीए का अनुबंध कितने साल का होगा, सालाना शुल्क क्या रहेगा, यह और अन्य नियम-शर्तें अभी तय किए जा रहे हैं।