Tuesday, July 9, 2024
HomeDelhiएक महीने में दो कैदियों की मौत, जांच के दायरो में तिहाड़...

ताया गया कि हमला डेढ़ मिनट के भीतर पूरा हो गया और हमलावरों ने ताजपुरिया की कोठरी में प्रवेश करने के लिए "काले धब्बे" का फायदा उठाया, जहां कोई कैमरा नहीं देख सकता था

INDIA NEWS: दिल्ली में स्थित एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ (Tihar Jail) में एक महीने से भी कम समय में दूसरे गैंगस्टर की हत्या ने एक बार फिर तिहाड़ की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है. अधिकारी के तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि वे इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए एक विस्तृत योजना लागू करने के उपर काम कर रहे हैं.

बता दें कि उच्च सुरक्षा वाली जेल के भूतल पर बंद सुनील उर्फ ​​टिल्लू ताजपुरिया (33) की मंगलवार सुबह करीब सवा छह बजे गोगी गिरोह के सदस्यों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी. पहली मंजिल पर ठहरे चारों हमलावरों ने ताजपुरिया के फर्श पर चढ़ने के लिए चादर का इस्तेमाल किया उसके बाद वहां लगी लोहे की ग्रिल को काट दिया. अधिकारियों ने कहा कि ताजपुरिया को अलग अलग जगह पर चाकू लगा हुआ था, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

सीसीटीवी कैमरों से नीगरानी-

वही 14 अप्रैल को, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एक सहयोगी, 33 वर्षीय प्रिंस तेवतिया को जेल के अंदर एक कैदी के साथ विवाद के बाद प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों द्वारा सुबह-सुबह किए गए हमले में मार दिया गया था. अधिकारियों ने दावा किया कि वे तेवतिया की घटना के बाद से कामचलाऊ हथियारों और अन्य अवैध वस्तुओं, जैसे मोबाइल फोन के लिए वार्डों में सघन तलाशी ली जा रही थी. सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से “सख्त निगरानी” भी बनाए हुए थे.

‘360 गांवों के लोग पहुंचेंगे जंतर-मंतर’- दिल्ली आप संयोजक गोपाल राय

निगरानी के बाद भी कैसे हुई हमला-

इसपर जब सवाल पूछा गया कि इतनी निगरानी के बाद भी इस तरह की घटना कैसे हो गयी तब इस पर एक जेल अधिकारी के तरफ से बताया गया कि हमला डेढ़ मिनट के भीतर पूरा हो गया और हमलावरों ने ताजपुरिया की कोठरी में प्रवेश करने के लिए “काले धब्बे” का फायदा उठाया, जहां कोई कैमरा नहीं देख सकता था।

SHARE
- Advertisement -
RELATED ARTICLES

Most Popular