इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Dedicated To Women’s Day : अपनी सुविधाओं और सहूलियतों के चलते देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाला दिल्ली मेट्रो रेल निगम समय-समय पर सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी ओर से लोगों को जागरूक करता रहता है। इसी कड़ी में दिल्ली मेट्रो रेल निगम ( क्मसीप डमजतव त्ंपस ब्वतचवतंजपवद) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मंगलवार से एक नारा व कविता लेखन प्रतियोगिता शुरू की है।
इस प्रतियोगिता में उम्दा नारा और कविता लिखने वाली युवतियों और महिलाओं को डीएमआरसी की ओर से इनाम से नवाजा जाएगा। यह प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है और इसमें दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाली कोई भी महिला भाग ले सकती है। इनाम में क्या दिया जाएगा? इसको लेकर दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह आकर्षक होगा, यह जरूर कहा जा रहा है।
डीएमआरसी के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाली युवती-महिला यात्री इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकती हैं। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली युवतियों और महिलाओं को आगामी 14 मार्च तक डीएमआरसी की वेबसाइट के जरिये एक सशक्त कल के लिए आज लैंगिक समानता विषय पर नारा या कविता लिखकर पोस्ट करना होगा। कविता लुभावनी है और इसी तरह नारा भी लोगों को पहली नजर में भाने वाला होना चाहिए।
प्रतियोगिता के तरह अंतिम तारीख यानी 14 मार्च तक नारा व कविता वेबसाइट के जरिये सबमिट कर देनी होगी। इसके बाद उम्मा नारों और कविताओं का चयन कर डीएमआरसी चुनिंदा महिलाओं-युवतियों को पुरस्कृत करेगा। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, डीएमआरसी इसी महीने की 25 मार्च को विजेताओं का नाम घोषित करेगा। विजेताओं को पुरस्कार में कुछ नकद राशि का भुगतान किया जाएगा।
यह नकद राशि कितनी होगी? यह अभी नहीं बताया गया है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों की मानें तो इस नारा और कविता लेखन प्रतियोगिता में मेट्रो ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं और युवतियां अपने अनुभव को कविता के रूप में ढाल कर हमें भेज सकती हैं।
यहां पर बता दें कि फिलहाल दिल्ली मेट्रो में सबसे आगे का डिब्बा महिलाओं के लिए आरक्षित होता है। इससे बहुत बड़ी संख्या में महिलाएं आरक्षित डिब्बे का फायदा उठाती हैं। इसके साथ ही आरक्षित डिब्बों की संख्या बढ़ाने की बात चल रही है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी कुछ साल पहले ही डीएमआरसी प्रमुख को भेजे गए अपने पत्र में महिलाओं के लिए मेट्रो के 3 डिब्बे आरक्षित करने की मांग कर चुकी हैं।
इसमें तर्क दिया गया था कि जिस मेट्रो में 8 कोच होती है, उनमें महिलाओं के लिए 3 कोच आरक्षित करने में कोई दिक्कत नहीं है। इसी तरह जिस मेट्रो में केवल 6 कोच होते हैं उनमें 3 की जगह, केवल 2 कोच ही महिलाओं के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं। (Dedicated To Women’s Day)
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