India News(इंडिया न्यूज़), Delhi AIIMS: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे कैंसर, डायबिटीज समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बड़ी राहत देने जा रही है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने मुफ्त दवाओं की सूची में 63 दवाओं को शामिल किया है। इन नई दवाओं के शामिल होने से एम्स फार्मेसी में मुफ्त मिलने वाली दवाओं की सूची अब 359 हो गई है। एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास ने कहा कि इस फैसले से एम्स में इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को काफी फायदा होगा।
वहीं, दिल्ली एम्स में एक मरीज के साथ केवल एक तीमारदार को रहने की इजाजत दी गई है। चाहे वह इलाज और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए एम्स ओपीडी में आया हो या एम्स वार्ड में भर्ती हो। इसके अलावा एम्स के अन्य परिसरों में भी यह नियम लागू होगा। भीड़ कम करने और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर एम्स ने यह कदम उठाया है। इसको लेकर एम्स ने एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में एक मरीज के साथ एक तीमारदार को रहने की अनुमति देने की सलाह दी गई है। यहां भर्ती मरीज से परिजन शाम 4 बजे से 6 बजे तक मिल सकेंगे।
मेडिकल क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एम्स ने गुरुवार को सेंटर फॉर मेडिकल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (CMIE )लॉन्च किया। सेंटर का उद्घाटन एम्स निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने किया। इसकी मदद से मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञ इनोवेशन के लिए एम्स से जुड़ सकेंगे।
एम्स प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक जेनेरिक फार्मेसियों की सूची का विस्तार किया गया है। इसमें कैंसर, गठिया, मधुमेह सहित कई बीमारियों की दवाएं शामिल हैं, जिसके लिए 359 प्रकार की दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। इसके अलावा पाल्बोसिक्लिब, डेसैटिनिब, मेथोट्रेक्सेट जैसी महंगी कैंसर दवाएं भी मुफ्त दी जाएंगी। एम्स निदेशक डॉ. (प्रो.) एम श्रीनिवास ने कहा कि इस फैसले के बाद इलाज के लिए आने वाले हजारों गरीब मरीजों को राहत मिलेगी।
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