India News(इंडिया न्यूज़), Delhi AIIMS: चीन में फैला माइकोप्लाज्मा निमोनिया भारत में भी मौजूद है। भारत में एम्स दिल्ली ने अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच 7 सैंपल पॉजिटिव पाए हैं। यहां कुल 67 टेस्ट किए गए हैं। देश में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लिए ग्लोबल सर्विलांस ग्रुप है, जो समय-समय पर परीक्षण करता रहता है। आपको बता दें कि इस बार ज्यादा पॉजिटिव केस मिले हैं। चिंता की बात यह है कि वैश्विक स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं। चीन के अलावा यूरोप में भी मामले बढ़े हैं। भारत को सतर्क रहने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मामले का पता पीसीआर परीक्षण के माध्यम से लगाया गया था जो संक्रमण के शुरुआती चरणों में प्रशासित किया गया था। शेष छह मामलों का पता आईजीएम एलिसा परीक्षण के माध्यम से लगाया गया, जिसे संक्रमण के बाद के चरणों में प्रशासित किया जा सकता है। किए गए 67 परीक्षणों में से सात नमूनों का परीक्षण सकारात्मक रहा
एम्स ने दो परीक्षणों, पीसीआर और आईडीएम-एलिसा के माध्यम से चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया, एक जीवाणु जो बच्चों में श्वसन रोग का कारण बनता है, के सात मामले दर्ज किए हैं। पीसीआर और आईजीएम एलिसा परीक्षण की सकारात्मकता दर तीन और 16 प्रतिशत पाई गई है। यही वजह है कि चीन से आए कोरोना का सामना करने के बाद भारत में भी इस बीमारी को लेकर डर फैलने लगा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का पता लगाने के लिए निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। एम्स दिल्ली ने इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच माइकोप्लाज्मा निमोनिया के सात मामलों की जांच की है, जो चीन में फैली बीमारी का कारण है। लैंसेट माइक्रोब में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मामले का पता संक्रमण के शुरुआती चरण में किए गए पीसीआर परीक्षण के माध्यम से लगाया गया था, जबकि शेष छह मामलों का पता आईजीएम एलिसा परीक्षण के माध्यम से लगाया गया था।
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