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Delhi AIIMS Hospital: 2 लोगों के अंगदान से 8 लोगों को मिली नई जिंदगी, 4 की लौटी रोशनी

• LAST UPDATED : May 22, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi AIIMS Hospital: एम्स में हुए सड़क हादसे में दो लोगों के अंगदान ने आठ और लोगों को नई जिंदगी का आशीर्वाद दिया है, जबकि चार लोगों को आंखों की रोशनी मिलेगी। यह एम्स में पहली बार हुआ मौका है जब एक ही दिन में दो लोगों का अंगदान हुआ है। इसके साथ ही, एम्स में पहली बार एक दिन में पांच मरीजों की अंग प्रत्यारोपण सर्जरी हुई है। आंग प्रत्यारोपण के लिए मंगलवार का दिन एम्स के डॉक्टर्स के लिए काफी व्यस्त रहा। इस वजह से मरीजों की नियमित सर्जरी भी टालनी पड़ी।

Delhi AIIMS Hospital: जानिए कौन है डोनर्स

एक महिला, जिनकी आयु 42 वर्ष थी, और दूसरा एक 27 वर्षीय युवक था। महिला को राजस्थान में एक कार ने टक्कर मारी थी जिससे उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया, लेकिन 18 मई को उनकी मृत्यु हो गई।

दूसरी ओर, 27 वर्षीय युवक सौरभ उत्तर प्रदेश के संभल निवासी थे। उन्हें पिछले दिनों पलवल में अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी थी। उन्हें भी एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया, लेकिन 18 मई को उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद, एम्स की टीम ने महिला के स्वजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया, लेकिन सौरभ के साथ कोई भी परिवार सदस्य नहीं था।

जानिए किस अंग को किया था दान

एम्स प्रशासन ने बताया कि बड़े प्रयासों के बाद, उनके भाई से संपर्क स्थापित किया गया। उनके माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका था और उनका कोई विवाहित संबंध नहीं था। उन दोनों डोनरों के परिवार की सहमति के साथ, उनका अंगदान मंगलवार को किया गया। उन दोनों डोनरों ने अपना हृदय, किडनी, लिवर, और कार्निया को अंगदान किया।

एम्स में एक मरीज को हृदय, एक को लिवर, और तीन मरीजों को किडनी प्रत्यारोपित किया गया। राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने एक लिवर और एक किडनी को ILBL अस्पताल को दिया। एक किडनी और एक लिवर को आईएलबीएस अस्पताल ले जाकर दो मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया। एक हृदय ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एम्स ट्रॉमा सेंटर से आर्मी अस्पताल में एक मरीज को ट्रांसप्लांट कराया गया।

इस रूप में, चार मरीजों को किडनी, दो मरीजों को लिवर, और दो मरीजों को हृदय प्रत्यारोपण किया गया। चारों कार्निया में एम्स के नेत्र बैंक में सुरक्षित रखा गया है। दोनों डोनर के फेफड़े भी प्रत्यारोपण के लिए स्वीकृति दी गई, लेकिन उसे उपयुक्त नहीं माना गया।

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