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Delhi Winter Action plan: दिल्ली सरकार प्रदूषण पर हुई सख्त कहा- अब निर्माण साइट पर लगानी होगी ‘एंटी स्मॉग गन’ मानने होंगे ये 14 नियम, जानें कौन से 14 नियम पर दिया गया खास ध्यान

• LAST UPDATED : September 26, 2023
India News(इंडिया न्यूज़)Delhi Winter Action plan: सर्दी के मौसम में राजधानी में निर्माण एजेंसियों की लापरवाही से होने वाले धूल प्रदूषण की रोकथाम को लेकर दिल्ली सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने निर्माण एजेंसियों को 14 सूत्रीय दिशानिर्देश जारी किये हैं. एजेंसी को पांच हजार वर्ग मीटर निर्माण स्थल पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार शीतकालीन प्रदूषण से निपटने के लिए 15 फोकस बिंदुओं पर शीतकालीन कार्य योजना तैयार कर रही है, जिसमें धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाना भी शामिल है।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों पर काम तेज कर दिया गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और धूल प्रदूषण को रोकने के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए।

बैठक में सभी सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों को प्रदूषण रोकने के लिए 14 सूत्रीय दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से बताया गया और उन्हें सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया. इस दौरान निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए गए। इसमें जब भी तोड़फोड़ या निर्माण कार्य किया जाए तो उसे तिरपाल या हरे जाल से ढंकना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, निर्माण स्थल पर लोडिंग या अनलोडिंग का काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों को डस्ट मास्क देना होगा। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार निर्माण श्रमिकों को ऑन-साइट प्रशिक्षण प्रदान करना अनिवार्य कर दिया गया है। एजेंसी को प्रशिक्षण सामग्री दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा प्रदान की जाएगी।

धूल प्रदूषण के लिए 14 सूत्रीय दिशानिर्देश को किया जारी

1. निर्माण स्थल के चारों ओर उचित ऊंचाई पर टिन की दीवार बनानी होगी तथा निर्माण स्थल को चारों ओर से ढकना होगा।

2. 5 हजार वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य है।

3. यदि तोड़फोड़ या निर्माण कार्य होता है तो उसे तिरपाल या ग्रीन नेट से ढंकना अनिवार्य होगा।

4. निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों को साफ करना अनिवार्य होगा।

5. निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों को पूरी तरह से ढकना होगा और यह ध्यान रखना होगा कि वह रास्ते में न गिरे।

6. निर्माण सामग्री एवं विध्वंस अपशिष्ट का भण्डारण आवंटित क्षेत्र के अन्दर ही करना होगा तथा सड़क किनारे निर्माण सामग्री अथवा अपशिष्ट का भण्डारण प्रतिबन्धित होगा।

7. मिट्टी या रेत को खुला नहीं रखा जायेगा।

8. निर्माण कार्य में की जाने वाली पत्थर कटिंग का कार्य खुले में नहीं किया जायेगा।

9. निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए लगातार पानी का छिड़काव करना जरूरी है।

10. बड़े निर्माण स्थलों (क्षेत्रफल 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक) में निर्माण एवं विध्वंस स्थलों तक जाने वाली सड़क को पक्का किया जाए।

11. निर्माण अथवा विध्वंस से उत्पन्न अपशिष्टों का निस्तारण चिन्हित स्थल पर ही किया जाये तथा उनका रिकार्ड भी संधारित किया जाए।

12. निर्माण कंपनी को लोडिंग या अनलोडिंग का काम करने वाले सभी कर्मचारियों को डस्ट मास्क उपलब्ध कराना अनिवार्य है।

13. निर्माण स्थल पर श्रमिकों के चिकित्सा उपचार की उचित व्यवस्था की जाए।

14. निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपाय प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे।

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