India News(इंडिया न्यूज) Delhi NCR,वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली एनसीआर में डीजल जनरेटर से होने वाले वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए 8 जून को नया निर्देश जारी किया। इसके पहले आयोग ने 1 अक्टूवर से डीजल जनरेटर पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।
आयोग ने सभी संस्थानों को 30 सितंबर तक डीजल जनरेटर को दोहरी ईंधन प्रणाली से लैस करने का काम पुरा करने को कहा है। इसके नाकाम रहने पर पूरे एनसीआर में कोई भी कहीं भी किसी परिस्थिती में यहां तक कि जीआरएपी के अंतरगत नहीं आने वाले समय के लिए भी डीजी सेट के उपयोग की अनुमति नहीं दिया जाएगा।
जलवायु, पर्यानरण और वन के मंत्रालय के अनुसार , एनसीआर में डीजल जनरेटर से होने वाले वायु प्रदूषण प्रभावशाली रोक के लिए सीएक्यूएम ने सभी आदेशों को संशोधन करते हुए सभी कार्यालय क्षेत्रों में डीजी सेटों के संचालन के लिए ठीक अनुसूची को अपनाने का आदेश दिया है। सीएक्यूम ने कहा जिन इलाकों में गैस का बुनियादी ढांचा और आपूर्ति उपलब्द है, वहां पर 800 किलोवाट क्षमता तक के डीजल जेनेटर सेट को दोहरी ईंधन प्रणाली लैस कराने के बाद एनसीआर में वाणिज्य क्षेत्र के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाएगी।
सीएक्यूएम ने कहा कि डीजी सेट का अनियंत्रित उपयोग तिंता का विषय है। सीएक्यूएम के बयान में कहा गया है, “पर्याप्त उत्सर्जन नियंत्रण उपायों के बिना दिल्ली-एनसीआर में बड़ी संख्या में डीजी सेट चल रहे हैं। यहां तक कि ये जीआरएपी के तहत प्रतिबंध के बावूजद भी चलते हैं और ये भारी वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं और इस प्रकार ये क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता में गिरावट के लिए प्रमुख कारक हैं।”
जीआरएपी के तहत लगाई गई पाबंदियों में दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर चलाने पर रोक, होटल, रेस्टरेंट और ढाबे में कोयला-लकड़ी जलाने पर रोक, सार्वजनिक परिवहन के ज्यादा इस्तेमाल पार्किंग शुल्क बढ़ाना शामिल किया गया।