India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। यह सत्र बेहद खास होने वाला है क्योंकि बजट सत्र के बाद यह पहला सत्र होगा जिसमें प्रश्नकाल होगा। इसमें सदस्य अपने क्षेत्र के सवाल मंत्रियों से पूछ सकेंगे। वहीं, सत्ता पक्ष द्वारा संसद की सुरक्षा में हालिया चूक का मामला विधानसभा में जोर-शोर से उठाया जा सकता है।
इस मामले को लेकर सत्ताधारी विपक्षी पार्टी बीजेपी पर निशाना साध सकती है। इसके अलावा नियम 280 के तहत विशेष उल्लेख के मामले भी सदन की बैठक में उठाये जायेंगे। कुछ विषयों पर अल्पकालिक चर्चा भी होगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के तीखे तेवरों को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि यह सत्र भी काफी हंगामेदार रहेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कागजात शिक्षा मंत्री आतिशी सदन के पटल पर पेश करेंगी।
दिल्ली वस्तु एवं सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2003 को वित्त मंत्री आतिशी ही सदन में पेश कर सकती हैं। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने दो दिवसीय सत्र बुलाया है। इस दौरान 15 और 18 दिसंबर को सदन की दो बैठकें होंगी। यह सत्र विधानसभा के ‘शीतकालीन सत्र’ के रूप में सूचीबद्ध नहीं है, बल्कि सदन की इन बैठकों को सातवीं विधानसभा के चौथे सत्र के चौथे भाग के रूप में बुलाया गया है। कहा जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर सत्र की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
इस बीच दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का कहना है कि दिल्ली सरकार के 30 से ज्यादा महत्वपूर्ण विभाग हैं। एक दिन में अधिकतम पांच प्रश्न ही लिये जायेंगे। ऐसे में दो दिवसीय सत्र में सिर्फ 10 प्रश्न ही पूछे जा सकेंगे। सरकार में विभागों की संख्या के हिसाब से सरकार को कम से कम 10 दिनों का सत्र बुलाना चाहिए था,ताकि सभी विभागों से जुड़े सवाल पूछे जा सकें।
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