India News (इंडिया न्यूज़) : दिल्ली में 10 हजार सिविल डिफेंस वॉलिंटयर्स के नौकरियों पर संकट के बादल छा गए हैं। इस वर्ष अप्रैल से रोके गए अपने वेतन को जारी करने की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शनों के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दिल्ली सरकार के 40 विभागों में लगे 10,000 से ज्यादा नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाएं जल्द ही समाप्त होने की आशंका है। बता दें, सीडीवी की नियुक्तियों पर राजनीतिक विरोधी दल लगातार दिल्ली सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं। हालांकि,अब अब सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद ही नियुक्ति प्रक्रिया की खामियों को देखते हुए इन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 10,792 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों में से 8,574 को परिवहन विभाग ने डीटीसी और क्लस्टर बसों में मार्शल के रूप में नियुक्त किया गया है। वहीँ, अन्य कर्मचारियों को राजस्व, एमसीडी, पर्यावरण, खाद्य एवं आपूर्ति, व्यापार एवं कर और अन्य विभाग में लगाया गया है। बता दें,नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 के अनुसार, इन वॉलेंटियर्स की भूमिका को किसी भी काम में लगाया जाता है। सरकार ने अधिनियम में कई बार संशोधन किया। नवीनतम संशोधन साल 2010 में हुआ, जब सरकार ने आपदा प्रबंधन को जिम्मेदारियों में से एक के रूप में शामिल किया।
बता दें,स्वयंसेवकों की मूल भूमिका स्थानीय प्रशासन की सहायता करना है, लेकिन वे विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं। इनमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ जैसे अभियानों में प्रशासन की सहायता करना और उप रजिस्ट्रार कार्यालयों के कामों में सहायता करना शामिल है। मालूम हो, इन्होंने कोरोना महामारी के दौरान फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की भूमिका निभाई और हॉटस्पॉट की स्क्रीनिंग, भोजन वितरित करने, भीड़-भाड़ वाले स्थानों और टीकाकरण स्थलों पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने में सरकार की मदद की।
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