India News(इंडिया न्यूज़), Delhi: प्रदेश भाजपा ने खुलासा किया है कि दिल्ली सरकार के रेरा के एक आदेश के तहत संपत्ति पंजीकरण बंद कर दिया गया है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है और पूछा है कि क्या रेरा का आदेश 20 नवंबर से पहले आएगा या उसके बाद गठबंधन लागू होगा? क्योंकि उनका आदेश न केवल दिल्ली में संपत्ति व्यापार को नष्ट कर देगा बल्कि व्यक्तिगत संपत्ति हितों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सरकार के रेरा आदेश के अनुसार 50 मीटर तक के भूखंडों पर केवल तीन आवासीय इकाइयों की आवश्यकता होगी। इस प्रकार, 50 मीटर के प्लॉट पर केवल तीन मंजिलें बनाई या बेची जा सकती हैं, जबकि दिल्ली 50 मीटर के छोटे प्लॉटों से भरी हुई है, जिसमें चार से पांच आवासीय परियोजनाएं शामिल हैं। इसी तरह के एक आदेश में कहा गया है कि 50 से 250 मीटर तक की परियोजनाओं पर केवल चार आवासीय इकाइयां दी जाएंगी, जबकि दिल्ली में 100 मीटर तक की इकाइयां छह से आठ आवासीय इकाइयों से भरी हैं।
उन्होंने कहा कि जिस शहर में आम मध्यम वर्ग का आदमी 50 मीटर से 250 मीटर के फ्लैट का विकल्प चुनता है, वहीं केजरीवाल सरकार का रेरा आदेश इन आवासों को प्रतिबंधित कर रहा है, लेकिन अमीर लोगों जिनके पास 250 से 3750 मीटर के है। उनको बढ़ा हुआ एफएआर और आवासीय इकाइयां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1671 अनधिकृत कॉलोनियां हैं जिनमें लाखों इकाइयां हैं, जहां आज तक कोई भवन निर्माण योजना नहीं बनाई गई है और इसलिए कोई भी यह नहीं समझ पा रहा है कि इन क्षेत्रों में संपत्ति बिक्री खरीद कैसे होगी।
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