इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
दिल्ली के भलस्वा इलाके में इस मंगलवार 26 अप्रैल को शाम 5:17 के करीब कूड़े के पहाड़ में लगी आग 76 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक नहीं शांत हो पाई है। 100 से ज्यादा फायर टेंडर को अब तक आग पर कंट्रोल पाने में कई दिन लग गए हैं। इसके बावजूद आग थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार आग छोटे-छोटे हिस्सों में खोलती ही जा रही है। दरअसल, कूड़े के ढेर के अंदर मीथेन गैस बनने की वजह से आग भड़कने लगती है।
भलस्वा लैंडफिल में जिस एरिया में आग लगी है वहां फायर टेंडर का कंट्रोल पूरे तरीके से नहीं हो पा रहा है जिसके कारण लगातार आग छोटे-छोटे हिस्सो में बढ़ती ही जा रही है। भलस्वा इलाके में धुआं ही धुआं फैलता जा रहा है। बताया जा रहा है कि धुंए के कारण इलाके में रहने वाले लोगों का बुरा हाल हो चुका है, निवासियों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है।
इससे पहले जब गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग भड़की थी, तब आग पर काबू पाने में लगभग 6 दिन लग गए थे। लेकिन जिस प्रकार से भलस्वा लैंडफिल साइड में आग लगी है, फायर की मानें तो ऐसी आग पर काबू पाने के लिए लगभग 10 से 15 दिन और लग सकते हैं।
भलस्वा लैंडफिल साइट के आस-पास बसी श्रद्धानंद कॉलोनी में रहने वाले निवासियों के अनुसार इतनी भयानक गर्मी में आग के चलते जो हालात हुए हैं, सभी लोग अपने घरों की खिड़कियां तक को नहीं खोल पा रहे हैं। आग लगने के हादसे इस इलाके में कई बार हो चूके हैं, लेकिन जो आग मंगलवार की शाम लगी है उसने या रहने वाले लोगों के लिए कई मुसीबतें और उनकी जान जोखिम में डाल दी है। नगर निवासियों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है खासकर बच्चे और बुजुर्ग काफी परेशान हैं.
इस पूरे हादसे पर लगातार राजनीति भी तेज होती जा रही है। गुरुवार के दिन दिल्ली सरकार ने नॉर्थ एमसीडी को के खिलाफ 50 लाख का जुमार्ना लगाया तो वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को दिल्ली महिला आयोग ने नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को नोटिस जारी करके सवाल पूछा है कि इतने सालों के चलते लैंडफिल साइट को साफ करने के लिए नॉर्थ एमसीडी ने क्या किया?
इसके अलावा आग से धुएं के कारण वहां महिलाओं, बच्चों और रहने वाले तमाम लोगों को जो दिक्कत हो रही है उसके लिए एमसीडी ने क्या कदम उठाए? दिल्ली महिला आयोग ने 4 मई तक पूरे मामले पर नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को जवाब दाखिल करने को कहा है।