इंडिया न्यूज़, Delhi News : दिल्ली सरकार बच्चों की लेकर अब सतर्क होती जा रही है। राजधानी सरकार ने सभी प्राइवेट द स्कूलों को निर्देश देते हुए कहा है कि स्कूलों के भीतर पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फीस उनके परिवारों का वापिस की जाए। जब से इस फैसले के निर्देश जारी हुए है तब से इसके उपर जमकर सियासत हो रही है। बीजेपी ने आप सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठकर इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए और सभी वर्ग के गरीब बच्चों के लिए ट्यूशन फीस माफ करने का नया आॅर्डर जारी करे।
बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि केंद्र सरकार ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास’ जैसी नीति को, अपनाकर देश की सेवा करती है। लेकिन इस समय राजधानी की सरकार तुष्टिकरण की राजनीति से पूरी तरह ग्रसित है। पूरे दिल्ली को धर्म और मजहब के आधार पर बांटा जा रहा है।
पहले दिल्ली सरकार द्वारा मस्जिदों के इमाम को हर माह आय देने का काम किया गया। अगर आप पार्टी की सरकार अगर धर्म और मजहब में फरक नही समझती तो समानता व्यवहार करके दिल्ली के सभी मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को भी सैलरी दे सकती थी, लेकिन आप सरकार द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं सोचा गया।”
बीजेपी सरकार आप पार्टी पर सवाल करके पुछती है कि आखिर अनुसूचित जाति/जनजाति के बच्चों की चिंता केजरीवाल क्यों नहीं कर रहे हैं, उस जाति के बच्चे कहां जाएंगे? ऐसे निर्देश को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर एक नया ऑर्डरजारी किया जाए, जिसमें कोरोना काल के दौरान लगी ट्यूशन फीस ना भर पाए बच्चों की फीस माफ की जा सके।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी निजी स्कूलों के भीतर 1 कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आप सरकार द्वारा इस जारी आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। आधिकारिक सर्कुलर बताता है कि जो भी स्कूल इस जारी आदेश को पालन नहीं करेंगे, उनके लिए माना जाएगा कि उन्होंने आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है, वहीं छात्र को योजना के तहत समय पर भुगतान करना होगा।