India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Chief Secretary: दिल्ली में केजरीवाल सरकार और प्रमुख नौकरशाह आमने-सामने हैं। आप सरकार का कहना है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में शामिल हैं। हालांकि मुख्य सचिव का कहना है कि बिना सबूत के आरोप लगाये जा रहे हैं। यह पूरा विवाद द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत 19 एकड़ जमीन के मुआवजे से जुड़ा है।
दिल्ली के मुख्य सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नरेश कुमार भ्रष्टाचार के मामले में फंस गए हैं। आरोप है कि सीएस के बेटे की कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे में जमीन अधिग्रहण में हेरफेर कर 315 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। एक शिकायत के आधार पर, दिल्ली के सतर्कता विभाग ने जांच की और सीएस की संलिप्तता पाए जाने का दावा किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएस को तुरंत हटाने और सस्पेंड करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना से की है।
गौरतलब है कि आईएएस नरेश कुमार ने दिल्ली के चर्चित आबकारी नीति घोटाले और सीएम आवास नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं की शुरुआती जांच की थी और केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट में बताया गया कि आबकारी मंत्री ने आरोप लगाया था कि शराब नीति में घोटाला हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आबकारी मंत्री और डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने लाइसेंसी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है। नरेश कुमार की जांच के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज कर छापेमारी शुरू कर दी थी। बताया जा रहा है कि तभी से अरविंद केजरीवाल सरकार और नरेश कुमार के बीच विवाद चल रहा है।
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