India News(इंडिया न्यूज़), Delhi: बामनौली में जमीन अधिग्रहण के मामले में जमीन मालिक को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने की कोशिश के मामले में आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को साढ़े छह सौ पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया गया है कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का नाजायज फायदा पहुंचाया है।
दिल्ली सरकार की सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को साढ़े छह सौ पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। आतिशी की ओर से सीएम केजरीवाल को सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में पता चला है कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का नाजायज फायदा पहुंचाया है। कंपनी ने यह जमीन महज 75 लाख रुपये में खरीदी थी, लेकिन अब यह जमीन महंगी दर पर हासिल की गई, जिससे कंपनी को 850 करोड़ रुपये का अनावश्यक लाभ हुआ है। इससे पहले भी मुख्य सचिव अपने बेटे की कई अन्य कंपनियों को सरकारी ठेके दे चुके हैं।
मुख्य सचिव नरेश कुमार पर बामनोली में जमीन अधिग्रहण मामले में जमीन मालिक को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने की कोशिश का आरोप लग रहा है। आरोप है कि उनका बेटा उसी कंपनी में काम करता है, जिसे फायदा पहुंचाया जा रहा था। मुख्य सचिव ने इस आरोप से इनकार किया है। इसके बाद सोमवार को इस मामले पर प्रमंडलीय आयुक्त अश्विनी कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस कंपनी की जमीन अधिग्रहीत की जा रही है, उसमें मुख्य सचिव का बेटा काम नहीं करता है।
दिल्ली सरकार के डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार ने सोमवार को शहर के शीर्ष अधिकारियों के पक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने भूमि अधिग्रहण मुआवजा मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे ‘गंदी राजनीति’ का हिस्सा बताया। प्रमंडलीय आयुक्त ने दावा किया कि मुख्य सचिव पर लगाये जा रहे आरोपों का उद्देश्य उनके चरित्र को बदनाम करना है। क्योंकि वह भ्रष्टाचार के मामलों में सक्रियता से कार्रवाई कर रहे हैं।
इसे भी पढ़े: