India News (इंडिया न्यूज़), Delhi CM Residence Controversy, दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास को लेकर सियासत जारी है। इस मामले में अब कांग्रेस ने भी अपना दखल देना शुरू कर दिया है। आपको बता दें बीजेपी के बाद कांग्रेस ने इस मामले में एलजी विनय कुमार सक्सेना से दखल देने की मांग की है। दरअसल सीएम आवास विवाद को लेकर कई दिनों से बीजेपी केजरीवाल को घेरने में लगी हुई है। इसके बाद अब कांग्रेस ने भी केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ाने के लिए एलजी से जांच की मांग की है।
जानकारी के लिए बता दे कांग्रेस ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर केजरीवाल के आवास के निर्माण पर हुए अत्यधिक खर्च की जांच कराने और दोषी पाए जाने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने की मांग की है। उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में अत्यधिक खर्च, पर्यावरणीय नुकसान और विरासत संरक्षण तथा जोनल योजनाओं के उल्लंघन को लेकर गहरी चिंता और निराशा की है।
Kejriwal's 171 crore Mahal:-
My complaint to the LG of Delhi:-
"…I thus request you to conduct an inquiry on the above points. And if found guilty, grant sanction for prosecution of the principal beneficiary, the Chief Minister, and the principal perpetrator, the PWD Minister… pic.twitter.com/O4tjmm0yWM— Ajay Maken (@ajaymaken) May 8, 2023
बता दे दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अजय माकन ने कहा है कि मुख्यमंत्री के नए आवास के निर्माण में सरकारी खजाने से करीब 171 करोड़ रुपये खर्च हुए, फ्लैगस्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री आवास के पास 22 में से 15 अधिकारियों के आवास ढहा दिए गए या खाली करा लिए गए. जबकि बाकी को दोबारा आवंटित नहीं करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि मैं आपसे इस मामले की जांच कराने का अनुरोध करता हूं. साथ ही ये भी कहा है कि दोषी पाए जाने पर प्रमुख लाभकर्ता मुख्यमंत्री तथा मुख्य दोषी पीडब्ल्यूडी मंत्री पर मुकदमा चलाने की भी मंजूरी दें.
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि नए मुख्यमंत्री आवास ने मास्टर प्लान दिल्ली 2021 का उल्लंघन किया है। इसके आगे उन्होंने आरोप लगाया कि इसे सिविल लाइंस ओल्ड बंगला जोन में बनाया गया है जो एमपीडी 2021 के तहत एक संरक्षित क्षेत्र है। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण प्रक्रिया के दौरान 28 पेड़ काटे गए जो एमपीडी 2021 के प्रावधान के विरुद्ध है जिसमें इन संरक्षित इलाकों में हरित क्षेत्र के संरक्षण की महत्ता पर जोर दिया गया है।
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