आज समाज नेटवर्क, नई दिल्ली। Delhi Commission for Women issued Notice दिल्ली महिला आयोग ने महिला एवं बाल विकास विभाग, दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर राजधानी में महिलाओं और लड़कियों के आश्रय गृहों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है । आयोग पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से आश्रय गृहों का दौरा करता रहा है और उनमें पाई जाने वाली कमियों को दूर करने हेतु सरकार के साथ निरंतर काम कर रहा है।
टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान ने कई आश्रय गृहों का ऑडिट किया
वर्ष 2018-19 में दिल्ली महिला आयोग ने एक स्वतंत्र एजेंसी कोशिश – टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (Tata Institute of Social Sciences) को दिल्ली में महिलाओं और लड़कियों के लिए बनाए गए सभी आश्रय गृहों का सोशल ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया था। टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की एक टीम ने कुल 83 आश्रय गृहों का दौरा किया जिसमें सरकारी और निजी संचालित आश्रय गृह शामिल थे। टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थानकी टीम ने दौरा कर कई मापदंडों पर जैसे कि आश्रम का बुनियादी ढांचा, आश्रय गृह में दी जाने वाली सुविधाओं, पुनर्वास के प्रयासों सहित विभिन्न पहलुओं पर आश्रय गृहों का ऑडिट किया था।
आश्रय गृहों में सुधार के लिए जल्द कदम उठाने के दिए निर्देश
आयोग ने आश्रय गृहों की स्थिति पर टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की इस रिपोर्ट को महिला एवं बाल विकास विभाग से साझा किया था। इसके बाद 2019 में दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक उच्च स्तरीय मीटिंग में विभाग को आश्रय गृहों की स्थिति में सुधार के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने एवं की इस बारे में गई कार्रवाई की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
आश्रय गृहों में बेहद जरूरत मंद लोग ही रहते Delhi Commission for Women issued Notice
आयोग ने विभाग से जनवरी 2020 से आश्रय गृहों से सामने आए यौन उत्पीड़न के मामलो की भी जानकारी मांगी एवं उन मामलों में हुई कार्यवाई की रिपोर्ट भी देने को कहा। विभाग को आश्रय गृहों से निलंबित किए गए कर्मचारीयों तथा उनके निलंबन के कारण भी बताने को कहा गया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, ष्आश्रय गृहों में केवल बेहद गरीब तबके से आने वाले और बेहद जरूरत मंद लोग ही रहते हैं।
उनकी देखभाल करना सभी सरकारों का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है, चाहे आश्रय घर निजी हो या फिर राज्य द्वारा चलाए जा रहे हों उनमें सभी की अच्छी देखभाल होनी चाहिए। आयोग आश्रय गृहों में रहने वालों की भलाई हेतु और उनकी स्थिति जानने के लिए लगातार निगरानी करता रहा है।