India News(इंडिया न्यूज़), Delhi: यूनिवर्सिटी के डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने डीयू के रामानुजन कॉलेज में चल रहे श्रीमद्भगवत गीता पर कोचिंग पाठ्यक्रम में दिल्ली के लिए आवश्यक नामांकन का विरोध किया है। ऑर्गेनाइजेशन की मांग है कि इस कोर्स में टीचिंग और नॉन टीचिंग के कर्मचारियों की अनिवार्य उपस्थिति और रजिस्टर के ऑर्डर वापस लिए जाएं। एक बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को श्रीमदभागवत गीता पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में भगवत गीता पाठ्यक्रम को लेकर आरोप लगाया गया है कि कॉलेज के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उनके कार्यालय में समय के बाद पाठ्यक्रम लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऑर्गनाइजेशन ने कॉलेज प्रशासन की ओर से तानाशाही अत्याचार को लेकर यह कदम उठाया है। कर्मचारियों को एक ईमेल में कॉलेज के छात्रों ने बताया कि यह कोर्स कॉलेज में स्थापित किए जाने वाले प्रस्तावित भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र के सचिवालय हैं।
यह साहिब कोर्स 22 दिसंबर से 9 जनवरी तक है। कोर्स की क्लास का समय प्रतिदिन शाम साढ़े चार बजे से शाम छह बजे तक है। हालांकि विवाद बढ़ने पर कॉलेज ने यह आदेश वापस ले लिया है। कॉलेज के सहायक जिगर सहायक ने कहा, ‘हमने 22 दिसंबर को गीता पाठ्यक्रम के लिए आयोजित उद्घाटन सत्र के दौरान अनिवार्य उपस्थिति शर्त को वापस ले लिया था। यदि स्टाफ कोर्स में शामिल नहीं होना चाहते तो उन पर कोई जबरदस्ती नहीं है।
इसे भी पढ़े: