नई दिल्ली (Delhi Court Order: Convict Harbhajan Singh was accused by the police in 2015 of illegally tapping electricity from input terminals of one meter) : दिल्ली की अदालत ने दोषी शख्स को तीन साल के सश्रम कारावास और 17,20,054 रुपये का जुर्माना लगाया।
बिजली चोरी एक ऐसी चोरी है जिसे समाज ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता और ना ही इस चोरी के खिलाफ कोई शिकायत करता है। लगभग हर किसी ने कभी न कभी अपने लाभ के लिए बिजली की चोरी की होगी। ताजा मामला पश्चिमी दिल्ली के विष्णु गार्डन इलाके का है। यहां के निवासी हरभजन सिंह पर पुलिस ने साल 2015 में एक मीटर के इनपुट टर्मिनलों से अवैध रूप से बिजली टैप करने और “अवैध तारों के माध्यम से परिसर के पूरे भार की चपत लगाने” का आरोप लगाया था। इसी मामले पर दिल्ली की अदालत ने दोषी शख्स को तीन साल के सश्रम कारावास और 17,20,054 रुपये का जुर्माना लगाया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनय सिंघल ने 20 जनवरी को पारित अपने आदेश में कहा, “बिजली की चोरी एक आर्थिक अपराध है जिससे पूरा समाज पीड़ित है और यह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ किया गया अपराध नहीं है।”
“समाज के वैसे ईमानदार सदस्य, जो कानूनी माध्यम से बिजली का उपयोग कर रहे हैं और नियमित रूप से अपने बिजली बिलों का भुगतान कर रहे हैं, वर्तमान में ऐसे बेईमान व्यक्तियों के हाथों पीड़ित हैं।” अपने आदेश में अदालत ने कहा कि बिजली के वैध उपभोक्ताओं की कीमत पर अवैध तरीकों से बिजली चोरी करके अनुचित लाभ उठाना गलत है।
दोषी हरभजन सिंह के वकील, वीके गोयल ने कोर्ट के सामने अपने मुवक्किल की उम्र और उससे संबंधित विभिन्न बीमारियों का हवाला देते हुए अदालत से उदार सजा की गुहार लगाई। वकील, वीके गोयल ने दोषी हरभजन सिंह के पक्ष में कहा की परिवार में यह एकमात्र कमाने वाले हैं और इन्हें सुधरने का एक मौका देना चाहिए।
अदालत ने कहा कि दोषी “किसी भी स्पष्टीकरण या मजबूर करने वाली परिस्थितियों को प्रस्तुत करने में विफल रहा है, जिसने उसे बिजली की सीधी चोरी में शामिल होने के लिए मजबूर किया।”
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