Delhi Dengue: दिल्ली में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर डॉक्टरो का कहना है कि डेंगू के लक्षण दिखने के बाद मरीज प्लेटलेट्स को लेकर गंभीर हो जाते हैं। ऐसे में बिल्कुल भी लापरवाही न दिखाएं, नहीं तो ये खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
एम्स के मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल के मुताबिक, डेंगू होने पर आराम करने और लगातार तरल पदार्थ लेते रहना बेहद जरूरी है। प्लेटलेट्स की संख्या से ज्यादा सामान्य रक्त जांच में दिखने वाली हेमेटोक्रेट को देखना ज्यादा जरूरी है। वहीं, लोग प्लेटलेट्स कम होने पर ज्यादा घबराने लगते हैं। डेंगू के इलाज का मतलब सिर्फ प्लेटलेट्स बढ़ाना नहीं होता है। मरीज की जान जब ही बच सकती है जब रक्तवाहिनियों में लीक ठीक होगा।
मच्छर के काटने के बाद तीन से पांच दिनों बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में मरीज को तरल पदार्थ जरूर देते रहें। प्लेटलेट्स की संख्या से ज्यादा उसकी गुणवत्ता जरूरी होती है। अगर मरीज को मसूड़ों या आंखों से रक्तस्राव नहीं हो रहा है तो 20 हजार तक प्लेटलेट्स होने पर भी ज्यादा खतरा नहीं होता है।
बता दें कि केंद्र सरकार के एक अस्पताल में भर्ती 24 साल के युवक की मौत हो गई है। परिवार वालों के अनुसार मौत का कारण डेंगू है। इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि वह उत्तर प्रदेश के एक क्लीनिक से रेफर होकर नई दिल्ली अस्पताल में आया था। उसकी स्थिती लगातार खराब होती ही जा रही थी और अंग फेल होने लगे थे। अगर शुरू में ही ध्यान दिया गया होता तो उसकी जान नहीं जाती।
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